कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. जिस कारण न्यूजीलैंड समेत कुछ देशों में दोबारा लॉकडाउन लगा दिया गया है. ऑस्ट्रेलिया में गंभीर प्रतिबंध जारी हैं. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि डेल्टा वेरिएंट पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम है.
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के मुख्य वैज्ञानिक ने एक इंटरव्यू में कहा, “इस वक्त हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता दुनियाभर में वैक्सीन की आपूर्ति होनी चाहिए ताकि मृत्यु दर कम की जा सके. ज्यादा इनकम वाले देशों में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी को पूरी तरह से टीका लगा दिया गया है. वहीं कुछ देशों में दो फीसदी से भी कम आबादी को टीका लगाया गया है. यही वह जगह है जहां वास्तव में जोखिम है. क्योंकि आने वाले महीनों में यदि वायरस इन देशों में बढ़ जाता है तो डेल्टा की तरह ही एक और वेरिएंट उत्पन्न हो सकता है.”
वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, “यही कारण है कि हम मानते हैं कि इस समय सर्वोच्च प्राथमिकता वैक्सीन आपूर्ति को वितरित करना है जो हमारे पास विश्व स्तर पर है ताकि हम मृत्यु दर को रोकने के लिए सभी कमजोर समूहों का टीकाकरण कर सकें. डेल्टा वेरिएंट पूरी तरह से टीका लगाए गए लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम है.”
“अगर कोरोना के नए वेरिएंट आए तो तीसरी लहर नवंबर में चरम पर होगी”
महामारी के सूत्र मॉडल के आधार पर पूर्वानुमान लगाने वाली टीम में शामिल एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि अगर कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के अलावा और स्वरूप सामने आते हैं. वो सितंबर के अंत तक पूरी तरह से सक्रिय होते हैं, तो उस स्थिति में महामारी की तीसरी लहर नवंबर में अपने चरम पर होगी. इसके साथ ही उनका कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में मामलों में तेजी नहीं आएगी और संभव है कि इससे काफी हद तक पहली लहर की तरह स्थिति उत्पन्न होगी.
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