दो दिन पहले ही एक्सक्लूसिव खबर में बताया था कि भारत सरकार अफगानिस्तान की नई तालिबानी हुकूमत से संपर्क करेगी. अब तालिबान ने भी साफ कर दिया है कि वो भारत के साथ मैत्रीपूर्ण रिश्ते रखना चाहता है. एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए तालिबानी नेता मौलवी जियाउल हक्कमल ने कहा कि भारत हमारा दुश्मन नहीं है और हम भारत से बेहतर और मैत्रीपूर्ण रिश्ते रखना चाहते हैं. ये बेहद महत्वपूर्ण बात तालिबान ने खास बातचीत में कही.
इससे पहले भी तालिबान ने ऐसे संकेत दिए थे जब तालिबानी नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तनिकजाई ने कहा था कि भारत इस क्षेत्र का एक अहम देश है और हम भारत से अच्छे व्यापारिक और आर्थिक रिश्ते रखना चाहते हैं.
अब मौलवी जियाउल हक्कमल के बयान से साफ है कि तालिबान के कम से कम एक बड़े और प्रभावशाली धड़े को इस बात का एहसास है कि भारत ने अफगानिस्तान में कई विकास कार्य यूंही नहीं किए और शायद एक भारत ही ऐसा मुल्क है जो अफगानिस्तान के हित में इमानदारी से सोचता है.
वहीं अमेरिकी सरकार तालिबान को औपचारिक तौर पर मान्यता देने के पक्ष में नहीं है. डेमोक्रेटिक पार्टी के एक शीर्ष सीनेटर क्रिस मर्फी ने कहा है कि अफगानिस्तान में विपक्षी बलों को मान्यता देना भी कोई बेहतर विचार नहीं होगा क्योंकि वास्तव में वे देश नहीं चला रहे हैं. हालांकि, मर्फी ने कहा कि भले ही अमेरिका औपचारिक तौर पर तालिबान को मान्यता नहीं देता हो लेकिन उसे इस समूह के साथ बात करनी चाहिए.
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