हरियाणा के करनाल में किसानों का धरना चौथे दिन भी जारी है. किसान 28 अगस्त को लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा के खिलाफ मर्डर केस दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं. प्रशासन लगातार किसानों को समझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन किसान टस से मस होने के लिए तैयार नहीं हैं.
पंजाब चुनाव को लेकर चंडीगढ़ में 32 किसान सगंठनों की बड़ी बैठक हो रही है. इस बैठक में बीजेपी को छोड़कर सभी दलों को न्योता दिया गया है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत आप और शिरोमणी अकाली दल के कई नेता इस बैठक में पहुंच गए हैं. किसान चाहते हैं कि पंजाब चुनाव के औपचारिक एलान तक राजनीतिक दल प्रचार ना करें. किसानों का कहना है कि चुनावी रैलियों से उनका अंदोलन कमजोर पड़ेगा.
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने दिल्ली और करनाल के बाद अब पंजाब की सियासी जमीन पर हलचल पैदा करने की तैयारी कर ली है. राजनीति से दूर रहने का दावा करने वाले किसान संगठनों ने राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने की नई रणनीति तैयार की है और आज इसी मुद्दे पर चंडीगढ़ में किसान संगठनों की बैठक हो रही है. बैठक के बाद शाम 4 बजे किसानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी.
किसानों ने प्रशासन को 11 सितंबर के बाद आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है. करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर किसानों की तादाद बढ़ रही है. रात में भी किसानों की संख्या में कमी नहीं आ रही. उनकी सेवा में एसजीपीसी के सेवादार भी जुट गए हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वो डटे रहेंगे. करनाल में जमे किसानों की मांग है कि 28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम पर कार्रवाई हो, लेकिन सरकार का कहना है कि जांच के बाद जो दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई होगी और जांच किसानों की भूमिका की भी होगी.
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