मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ राज्य विधानसभा में विधेयक पेश किए. इस दौरान मुख्यमंत्री ने काफी भावुक भाषण भी दिया. उन्होने विपक्षी अकाली दल पर भी तंज कसा. बता दें कि विधेयक पेश करने के दौरान सीएम ने कहा कि अगर उनकी सरकार गिरती है तो गिर जाए, उन्हें इस बात का जरा भी खौफ नहीं है लेकिन वह किसानों के साथ खड़े रहेंगें.
मुख्यमंत्री ने तीन विधेयक पेश किए
कैप्टन अमरिंद सिंह ने यह भी कहा कि, केंद्र का कृषि बिल किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों का हनन करता है. बता दें कि अमरिंदर सिंह द्वारा विधानसभा में तीन विधेयक, किसानों को उत्पादन सुविधा अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020, किसानों के समझौते और कृषि सेवा अधिनियम में संशोधन विधेयक 2020 बिल पेश किया गया था.
इस दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि,’ मुझे अपनी सरकार गिरने से डर नहीं लगता है. मैं इस्तीफा देने के लिए भी राजी हूं. पहले भी पंजाब के लिए इस्तीफा दे चुका हूं. हम किसानों के साथ पूरी तरह से खड़े हैं. बिल पेश करते समय उन्होने यह भी कहा कि कृषि संसोधन बिल और प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल दोनो ही किसानों, मजदूरों के खिलाफ हैं.गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों के खिलाफ पंजाब में किसान लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्र सरकार के किसान कानून के खिलाफ पंजाब में कैप्टन अमिरंदर की सरकार ने विधानसभा में तीन बिल पेश किए हैं. पंजाब पहला राज्य है जहां केंद्र के कानून के खिलाफ बिल लाया गया है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस बिल को विधानसभा में पेश किया. विधानसभा में पेश बिल में एमएसपी से कम कीमत देने पर सजा का भी प्रावधान किया गया है.सीएम कैप्टन ने बिल को पेश करते हुए सभी पार्टियों से किसानों के हित को देखते हुए साथ आने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा कि नए खेत कानून किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार से कानून में किसानों के लिए एमएसपी को अनिवार्य करने की मांग भी की गयी.