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अगले बरस आने का न्योता देने के साथ  किया मॉ दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन

०  कृष्णा विहार कॉलोनी में रावण दहन कर किया बुराई का अंत
जांजगीर-चांपा। नवदुर्गा उत्सव समिति कृष्णा विहार कॉलोनी द्वारा शारदीय नवरात्र के नौ दिन तक मॉ दुर्गा की पूजा अर्चना विधि विधान से की गई। 24 अक्टूबर मंगलवार को मॉ दुर्गा की पूजा अर्चना उपरांत मां के जयकारों के साथ कालोनी में भ्रमण करते हुए जवारे लेकर विसर्जन के लिए हसदेव नदी के लिए निकले।
मां दुर्गा की स्थापना कॉलोनी के कम्युनिटी हॉल में की गई थी। पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा हुई इसके बाद अगले दिन ब्रम्हचारिणी माता, चंद्रघंटा माता, कुष्मांडा माता, स्कंद माता, कात्यायनी माता, कालरात्रि माता, महागौरी एवं सिद्धि दात्री माता की प्रतिदिन अनुसार विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए प्रसादी, भोग भंडारा वितरण किया गया। नौ दिन तक माता के दरबार में जसगीत, आध्यात्मिक प्रतियोगिताओं के अलावा रंगोली, पेंटिंग, नारियल फेंक, मटकी सजाओ, फैंसी ड्रेस, मेंहदी लगाओ आदि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इसके साथ ही माता दुर्गा पंडाल में छोटी-छोटी कन्याओं के द्वारा नौ माता की सजीव झांकी लगाकर विराजमान किया गया। नवमी के दिन हवन पूजन उपरांत कन्या भोज का आयोजन किया गया। तीन दिन तक गरबा नाइट का आयोजन भी हुआ जिसमें सभी कालोनीवासियों ने बढ़ चढकर हिस्सेदारी निभाई। इसके अलावा वरिष्ठजन सम्मान समारोह, विभिन्न प्रतियोगिता में शामिल बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया।
माता के जयकारे के साथ विसर्जन
दुर्गा माता विसर्जन के दौरान कॉलोनी में श्रद्धालुओं ने माता के भक्ति मय गानों पर डांस करते हुए कालोनी में भ्रमण किया तत्पश्चात कुदरी बैराज हसदेव नदी पहुंचे जहां पर माता की आरती उतारकर उन्हें अगले वर्ष आने का न्योता देते हुए नम आंखों से विदाई दी।
कॉलोनी में किया गया रावण दहन
बुराई पर अच्छाई के प्रतीक विजयादशमी के मौके पर कॉलोनी में रावण का दहन किया गया। भगवान राम के रूप में आशुतोष साहू एवं माता सीता के रूप में पलक पांडे, भगवान लक्ष्मण के रूप में अंश देवांगन और हनुमान के रूप में रिवंश श्रीवास्तव सहित अन्य छोटे बच्चों की मनमोहक झांकी लगाई। कालोनीवासी अपने छोटे-छोटे बच्चों को भगवान राम के रूप में सजाकर लाये। भगवान बने सभी बच्चों की कॉलोनीवासियों ने पूजा अर्चना की। इसके बाद श्री राम के जयकारों के साथ रावण का दहन किया गया। दहन के बाद नवदुर्गा उत्सव समिति की ओर से बंपर पुरुस्कार योजना की घोषणा के बाद भंडारे का आयोजन किया गया।
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