सरकार रियल एस्टेट सेक्टर में मांग बढ़ाने और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में रोजगार बढ़ाने की कोशिश में लगी है. उसका इरादा रोजगार में इजाफा करने और इकनॉमी में मांग पैदा करने की है. यही वजह है कि मकानों की बिक्री को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक के निर्देश लगभग सभी बैंकों ने होम लोन की दरें बेहद सस्ती कर दी हैं. पिछले दो दशक के दौरान यह होम लोन दरों का सबसे सस्ता दौर चल रहा है. कोरोना संक्रमण के इस दौर में आर्थिक गतिविधयों को लगे झटके ने होम लोन दरों को प्रभावित किया है. ऐसे में यह सवाल पैदा होता है कि क्या कंज्यूमर के लिए यह घर खरीदने सही वक्त है?
हर बैंक की ओर से होम लोन सस्ता करने और अर्थव्यवस्था में रफ्तार लौटने के संकेतों के बीच जिन लोगों को अपनी आय में निरंतरता बने रहने की उम्मीद दिख रही है, वो घर खरीदने का फैसला ले सकते हैं. चूंकि प्रॉपर्टी के दाम अभी काफी नीचे चले गए हैं इसलिए मकान सस्ते मिल सकते हैं. जिन ग्राहकों के पास ईएमआई चुकाने की क्षमता हो उन्हें इस अवसर का लाभ लेना चाहिए.
होम लोन पर इंटरेस्ट रेट 6.7 फीसदी से 9 फीसदी के रेंज में चल रहा है. इसके साथ प्रमुख प्रॉपर्टी बाजार में कई डेवलपरों में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतें कम की हैं. कई शहरों ने स्टैंप ड्यूटी पर छूट की पेशकश की है. ऐसे में आपके लिए रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने का यह सही मौका हो सकता है. पिछले दिनों एसबीआई से लेकर एचडीएफसी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन इंटरेस्ट कम किया है. यूनियन बैंक ने तो महिला कस्टमर को अतिरिक्त छूट का ऐलान किया है. शायद अगले कुछ समय तक होम लोन का यह सस्ता दौर फिर न आए, इसलिए अगर आप घर खरीदना चाहते हैं तो लोन का विकल्प आजमा सकते हैं.