केंद्र सरकार (Modi Government) की ओर से नौकरीपेशा लोगों को बड़ा झटका लगा है. सरकार ने ईपीएफओ ने पीएफ ब्याज दरों की कटौती के फैसले पर मुहर लगा दी. अब एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (Employees’ Provident Fund Organisation) के खाताधारकों को 8.5% ब्याज दर की जगह 8.1% प्रतिशत ब्याज दर मिलेगा. सरकार ने पीएफ खाते (PF Account) पर मिलने वाले ब्याज में कुल 0.40% प्रतिशत की कटौती की है.
यह पिछले 40 सालों में दिया जाने वाला सबसे कम पीएफ ब्याज (PF Account) दर है. इससे पहले साल 1977-78 में पीएफ ब्याज दर करीब 8 प्रतिशत के आसपास था. इसके बाद से सरकार हमेशा पीएफ के ब्याज दर को हमेशा 8.25 प्रतिशत से ऊपर ही रहती आई है. इस ब्याजदर की कटौती का असर सीधा 6 करोड़ पीएफ खाताधारकों पर पड़ेगा. तो चलिए हम आपको इसका खाताधारकों पर होने वाले असर और उसके कैलकुलेशन के बारे में बताते हैं-
खाताधारकों को होगा इतना नुकसान
इस ब्याज दर की कटौती के बाद खाताधारकों को बड़ा नुकसान होगा. हम आपको एक उदाहरण से समझाते हैं. जैसे एक 30 साल का व्यक्ति जिसकी बेसिक सैलरी 30,000. इस व्यक्ति की सैलरी हर साल 5 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही है. अगर पुरानी ब्याज दर के हिसाब से देखा जाए तो उस व्यक्ति को 8.5 प्रतिशत के हिसाब से 60 साल की उम्र के बाद कुल जमा फंड 1.40 करोड़ रुपये का होगा. वहीं इस कटौती के बाद अब यह फंड 1.30 करोड़ रुपये का बनेगा. ऐसे में खाताधारक को कुल 10 लाख रुपये का नुकसान होगा.
अगर आपकी सालाना बेसिक सैलरी 5 लाख रुपये हैं तो आपको 8.5 प्रतिशत के हिसाब से 42,500 रुपये का लाभ होता. लेकिन, 8.1 प्रतिशत ब्याज दर पर आपको केवल 40,500 रुपये मिलेंगे. ऐसे में आपको सालाना 2 हजार रुपये के ब्याज का नुकसान होगा. वहीं 10 लाख के हिसाब से आपको कुल 4 हजार रुपये का सालाना नुकसान होगा. वहीं 20 साल रुपये की राशि पर 8 हजार रुपये का नुकसान होगा.
यह भी पढ़ें- ‘घर का पता लोक कल्याण मार्ग रख लेने से लोगों का कल्याण नहीं होता’- राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज
0 Comments