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उद्योग बढ़ रहे है, उस दर पर कुशल कामगार नहीं मिल रहे

० कौशल की गुणवत्ता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
रायपुर। कौशल की गुणवत्ता विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज न्यू सर्किट हाउस रायपुर में किया गया। प्रमुख सचिव कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार डॉ. आलोक शुक्ला ने कार्यशाला में उपस्थित पैनलिस्ट से विस्तृत चर्चा करते हुए उन्हें आवश्यकतानुसार प्रक्रियाओं में सुधार पर विचार करने के निर्देश दिए।

कार्यक्रम की अध्यक्ष करते हुए सचिव कौशल विकास विभाग डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने कहा कि प्रदेश में जिस प्रकार से उद्योग बढ़ रहे है, उस दर पर कुशल कामगार प्राप्त नहीं हो रहे है। उन्होंने कहा कि उद्योगों में आधुनिक मशीने बढ़ रही है, किन्तु उन्हें चलाने वाले प्रशिक्षित जनशक्ति प्राप्त नहीं हो रही है। इसके लिए कुशल प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता है। सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग श्रीमती आर. संगीता ने उद्योगों के मांग के अनुरूप जनशक्ति एवं कुशल जनशक्ति तैयार करने के लिए उद्योगों की भागीदारी होने पर जोर दिया। कार्यशाला के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अवनीश कुमार शरण द्वारा राज्य में कौशल विकास के क्षेत्र में किये गये विभिन्न नवाचारों से अवगत कराया गया।

कार्यक्रम में पैनल के माध्यम से दो सत्र में चर्चा की गई। प्रथम सत्र में मूल्यांकन और प्रमाणन की गुणवत्ता, उद्योग में कौशल 4.0, आजीवन सीखना और निरंतर मूल्यांकन विषय पर तथा दूसरे सत्र में ग्लोबल मार्केट के लिए सर्टिफाइड वर्कर्स, ओजेटी, अप्रेंटिसशिप और स्किलिंग की भर्ती विषय चर्चा की गई। पैनल में सीआईआई, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, पीडब्ल्यूसी, उरला इंडस्ट्री एसोसिएशन, जायसवाल निको इंडस्ट्री, शाही एक्सपोर्ट्स, बेबीलोन, मेफेयर एवं स्मार्ट स्किल्स के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी कौशल विकास प्राधिकरण सुश्री ज्योति गुगेल, संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद वर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज सोसाइटी अरविन्द अहिरवार, संयुक्त संचालक विवेक मिश्रा, उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वय प्रमोद साहू एवं मीमो प्रसाद बंजारे, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन रशमीरंजन महोपात्रा, टीम लीड तथा जिला स्तर के अधिकारी, प्रशिक्षण प्रदाता, एमजीएनएफ फेलो, आईटीआई व पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य तथा 20 से अधिक उद्योग संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।

 

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