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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में किन नेताओं के बयानों की खूब होती रही चर्चा, जानें

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थम चुका है. कल 15 जिलों के 78 सीटों पर वोटिंग होनी है. राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेता अंतिम क्षण तक प्रचार में व्यस्त रहें. नेता कभी मंच पर भाषण देकर तो कभी रोड शो कर वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करते रहें. इस दौरान नेता कुछ ऐसा भी बोल गये, जिसकी चर्चा खूब हो रही है. आज एक-एक कर जानेंगे कि किन नेताओं के बयान चुनाव प्रचार के दौरान खूब चर्चा में रहें.

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री और उजियारपुर से सांसद नित्यानंद राय का वह बयान खूब चर्चा में रहा जिसमें उन्होंने कश्मीरी आतंकवाद की बात की थी. वैशाली में एक चुनावी सभा में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार नहीं आई, तो कश्मीरी आतंकी बिहार में पनाह ले लेंगे. उनके इस बयान के बाद उनकी खूब किरकिरी भी हुई थी.

महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने भी चुनावी सभा में एक समुदाय विशेष पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जब उनके पिता लालू यादव की सरकार थी, तब गरीब सीना तान कर बाबू साहब के सामने चलता था. तेजस्वी यादव के इस बयान को विपक्ष भुनाने में लग गया. हालांकि तेजस्वी यादव ने डैमेज कंट्रोल करते हुए सफाई दी और कहा कि उनके लिए बाबू साहब का मतलब अफसरों व सरकारी कर्मचारियों से था.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णिया में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान वो कुछ ऐसा बोल गए जिसकी कल्पना लोगों ने नहीं की थी. सीएम नीतीश ने मंच से कहा कि यह मेरा अंतिम चुनाव है, अंत भला तो सब भला. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में कयास जोड़ पकड़ने लगे. विपक्षी सीएम के इस बयान पर कह रहे हैं कि वे पहले ही हार मान चुके हैं. हालांकि जदयू नेता मुख्यमंत्री के बयान पर कह रहे हैं कि, वे अंतिम चुनाव प्रचार के बारे में कह रहे थे. राजनीति करने वाला व्यक्ति सन्यास नहीं लेता है.

एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान वैसे तो लगतार नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं, लेकिन उन्होंने बक्सर में एक चुनावी सभा संबोधित करते हुए सीएम नीतीश को जेल भेजने की बात कही थी. उनका यह बयान काफी चर्चा में रहा था. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद वह नीतीश सरकार में हुए सभी घोटालों की जांच कराएंगे और अगर मुख्यमंत्री भी उसमें दोषी पाए गए तो उन्हें जेल जाना होगा.

गौरतलब है कि अंतिम चरण का चुनाव कल 7 नवंबर को होना है. आने वाले 10 नवंबर को यह भी तय हो जाएगा कि जनता किस दल व किस नेता को पसंद करती है.

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