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28 पंचायतों के ग्रामीणों ने एनएमडीसी का किया जमकर विरोध

बैलाडीला। दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के डिपाजिट 14 के क्षमता विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने किरंदुल के विद्यानगर चौक पर सड़क को जामकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला के डिपाजिट 14 के क्षमता विस्तारीकरण के लिए बुलाई गई जनसुनवाई का सयुंक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने किरंदुल के विद्यानगर चौक पर सड़क को जामकर राज्य व केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

संयुक्त पंचायत जनसंघर्ष समिति ने आज भारत के नौरत्न कंपनी में से एक NMDC की डिपॉजिट -14 द्वारा प्रस्तावित क्षमता विस्तार हेतु आयोजित लोक सुनवाई का विरोध किया ।इस विरोध प्रदर्शन में 28 पंचायतों के हजारों ग्रामीण शामिल हुए । विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ो आदिवासी अपने पारंपरिक हथियारों से लैश थे , और लगातार NMDC एवं जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे । आदिवासियों का कहना है कि NMDC कंपनी जो कि विगत 60 वर्षों से बैलाडीला में लौह उत्खनन का कार्य कर रही है , उस कंपनी ने कभी भी पर्यावरण स्वीकृति में निहित शर्तो का पालन नही किया है । लौह उत्खनन से निकलने वाले लाल पानी से जिले के कई नदिया प्रदूषित हो चुकी है , दर्जनों प्राकृतिक जल श्रोत विलुप्त हो चुके है ।

हजारों एकड़ जमीन बंजर हो गए है , लाखो पेड़ नष्ट हो चुके । सैकड़ो मवेशी मर गए है, ग्रामीण घातक बीमारियों के शिकार हो गए है। कंपनी ने यहाँ मौजूद ग्रामीणों को केवल छला है । ग्रामीणों ने यह भी दावा किये की क्षेत्र में खनन विस्तार से पर्यावरणीय प्रभाव बढ़ेंगे, जिसका असर उनके वनोपजों पर , नदी – नालों पर ,वन्य जीवों और संस्कृति पर पड़ेंगे। इस कारण आज हजारों ग्रामीण NMDC द्वारा आयोजित इस ग्राम सभा का विरोध किये।

एनमडीसी 60 सालों से लोहा का दोहन कर पेड़-पौधों को काट कर रही है. इसके एवज में एनएमडीसी द्वारा प्रभावित गांवों की संख्या 50 से ज्यादा है. फिर जनसुनवाई में सात गांव के लोगों को ही क्‍यों बुलाया गया. एनमडीसी की वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. नदी-नालों का पानी दूषित हो रहा है.पेड़ों को काटकर प्लांटेशन नहीं किया जा रहा है।NMDC द्वारा आयोजित इस जनसुनवाई का ग्रामीणों द्वारा विरोध किये जाने के बाद , लोक सुनवाई मंच पर एक भी ग्रामीण उपस्थित नही हुए । जिस कारण जिला प्रशासन और NMDC की टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा. लोक सुनवाई टीम पत्रकारो से दूरी बनाए रखे हुए थे।

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