कांकेर। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में आज नाम वापसी के बाद सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में रह गए हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार में ही रहने की संभावना है, लेकिन सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी की भी बड़ी भूमिका रह सकती है। भानुप्रतापपुर विधानसभा चुनाव के निर्वाचन अधिकारी सुमित अग्रवाल ने सातों प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए हैं।
नाम वापसी के अंतिम दिन आज 14 लोगों ने अपना नामांकन वापस लिया। इसके बाद कांग्रेस की सावित्री मंडावी और भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम सहित कुल सात उम्मीदवार मैदान में रह गये हैं। इस उपचुनाव के लिए पांच दिसम्बर को मतदान होना है। आठ दिसम्बर को मतगणना के बाद नये विधायक का नाम सामने आ जाएगा। कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवार के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के
घनश्याम जुरी, पूडो अंबेडकराइट पार्टी के शिवलाल, राष्ट्रीय जन संघ पार्टी के हीरा नेताम, सर्व आदिवासी समाज के अकबर राम कोराम और निर्दलीय दिनेश कल्लो मैदान में रह गए हैं। सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी अकबर राम कोराम रिटायर्ड प्रमोटी आईपीएस अधिकारी हैं।
निर्वाचन कार्यालय के अनुसार , उप चुनाव के लिए कुल 39 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। स्क्रूटनी के बाद 18 लोगों का नामांकन रद्द हुआ। भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 95 हजार 678 मतदाता पंजीकृत हैं। उनमें से एक लाख एक हजार 491 महिलाएं और 95 हजार 186 पुरुष हैं। एक मतदाता थर्ड जेंडर के तौर पर भी रिकॉर्ड में है। मतदाताओं में 3 हजार 490 ऐसे मतदाता भी हैं जिनकी आयु 18 से 19 साल के बीच है। वे पहली बार अपना विधायक चुनने जा रहे हैं। इस क्षेत्र में 19 महिलाओं और 529 पुरुषों को सर्विस वोटर के तौर पर चिन्हित किया गया है।
वैसे भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम के नामांकन को रद्द करवाने के लिए कांग्रेस सोमवार को दिनभर लगी रही, लेकिन सफलता नहीं मिली। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सोमवार को सुबह कांकेर पहुंचे। यहां उन्होंने भानुप्रतापपुर उपचुनाव के निर्वाचन अधिकारी सुमित अग्रवाल को लिखित शिकायत पेश की। उनका कहना था कि भाजपा से उम्मीदवार बनाए गए ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ झारखंड में सामूहिक दुष्कर्म, पॉक्सो और अनैतिक देह व्यापार निषेध कानूनों के तहत मामला दर्ज है। नामांकन के समय दिये गये शपथपत्र में नेताम ने इस मामले की जानकारी नहीं दी है। यह लोक प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है। कांग्रेस अध्यक्ष मोकन मरकाम ने कहा, सूचना छिपाने की वजह से ब्रह्मानंद नेताम का नामांकन खारिज किया जाये। मोहन मरकाम ने बाद में कांकेर के पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात कर इस मामले में कार्रवाई के लिए एक ज्ञापन सौंपा है। इधर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, रायपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शिव सिंह ठाकुर सहित कई पदाधिकारी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय पहुंचे। उन लोगों ने भी झूठा शपथपत्र देने के आधार पर भाजपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने की मांग की है। बताया जा रहा है निर्वाचन आयोग ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।