Close

विश्व एड्स दिवस : आज 1 दिसम्बर को पूरा विश्व एड्स दिवस मना रहा है, जानिए क्या है थीम

world-aids-vaccine-day

एड्स की कल्पना थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी

पूरा विश्‍व आज जिस एड्स दिवस को मनाता है, उसकी पहली बार कल्पना 1987 में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न द्वारा की गई थी। थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू बन्न दोनों डब्ल्यू.एच.ओ. जिनेवा, स्विट्जरलैंड के एड्स ग्लोबल कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे। उन्होंने एड्स दिवस का अपना विचार डॉ. जोनाथन मन्न के साथ साझा किया, जिन्होंने इस विचार को स्वीकृति दे दी और वर्ष 1988 से 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था परन्तु बाद में पता चला कि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। जिसके बाद साल 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने एड्स का वैश्विक स्तर पर प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 से विश्व एड्स अभियान की शुरुआत की।

विश्व एड्स दिवस की थीम

विश्व एड्स दिवस हर साल राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस दिवस पर यूनाइटेड नेशंस, कई सारी अन्य देश की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां मिलकर एचआईवी से संबंधित एक खास थीम पर अभियान चलाने के लिए एक साथ जुड़ते हैं। इस साल एक्युलाइज थीम रखी गई है। इसका अर्थ ‘समानता’ होता है। इस साल की थीम से हमारे समाज में फैली हुई असमानताओं को दूर करके एड्स को पूरी तरह से खत्म करने पर कदम बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

एचआईवी संक्रमण के लक्षण

एचआईवी संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति में वायरस की चपेट में आने के दो से चार हफ्ते के भीतर ही लक्षण नजर आने लगते हैं। प्रारंभिक स्थिति में संक्रमित को बुखार, सिरदर्द, दाने या गले में खराश सहित इन्फ्लूएंजा जैसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है। संक्रमण बढ़ने के बाद अन्य गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं।

संक्रमण और बीमारी को रोकें

जैसा कि एचआईवी के कारण आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, वायरस, रोगाणु और संक्रमण से संक्रमित होने की संभावना बहुत अधिक होती है। हमेशा हाथ धोएं, बीमार लोगों से दूर रहें और जितना संभव हो स्वस्थ रहें। अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए टीकाकरण कार्यक्रमों का ध्यान रखें।

एचआईवी के लिए उपचार

एचआईवी धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर सकता है और पूर्ण विकसित एड्स में परिवर्तित हो सकता है। चूंकि एड्स संक्रमण का अंतिम चरण है, एचआईवी होने का मतलब यह नहीं है कि आपको एड्स है। कभी-कभी, यह प्रारंभिक अवस्था में हो सकता है और उचित उपचार के साथ इसे एड्स की प्रगति से रोका जा सकता है।

डॉक्टरों के मार्गदर्शन का पालन करें

एचआईवी दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के लिए वायरस की शक्ति को कम करती हैं। डॉक्टरों के आदेश के अनुसार दवाओं को जारी रखना महत्वपूर्ण है। सुनिश्चित करें कि किसी भी दिन ना छूटे क्योंकि वायरस कुछ ही समय में दवा प्रतिरोधी बन सकता है। दवाइयाँ लेने का एक ही शेड्यूल रखें, प्रत्येक दिन एक ही समय पर दवा लें।

 

 

 

यह भी पढ़े :-सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा संस ने दोनों एयरलाइन के विलय पर अपनी सहमति व्यक्त की

scroll to top