कोरोना वैक्सीन के नागरिकों पर आपात इस्तेमाल की ब्रिटेन और रूस ने इजाजत दे दी है, जबकि कई कोविड-19 वैक्सीन अभी अंतिम चरण में हैं. भारत में भी ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वैक्सीन को अगले कुछ हफ्तों में इस्तेमाल की इमरजेंसी इजाजत दी जा सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या कोरोना वैक्सीन के आने के बाद कोरोना महामारी का खतरा खत्म हो जाएगा? विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन के आ जाने के बावजूद भी लोगों को शालीनता से रहने को लेकर चेताया है.
डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीन के आ जाने से ही खतरनाक वायरस अपने आप खत्म नहीं हो जाएगा. डब्ल्यूएचओ ने शालीनता के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा मानना गलत है कि वैक्सीन के आने से ही संकट खत्म हो गया है.
डब्ल्यूएचओ इमजरेंसी डायरेक्टर मिशेल रेयान ने एक वर्चुअल न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा- टीके शून्य कोरोना के बराबर नहीं है. उन्होंने कहा, “टीका और टीकाकरण हमारे पास पहले से मौजूद उपकरण में शक्तिशाली टूल होगा. लेकिन, ये स्वंय के द्वारा काम नहीं करेंगे. “
गौरतलब है कि ब्रिटेन ने बुधवार को आम लोगों पर कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इसके बाद वह कोरोना वैक्सीन को इजाजत देने वाला वह पहला पश्चिमी देश हो गया है, जिसके बाद दुनियाभर के अन्य देशों पर भी इसके बाद दबाव बढ़ता जा रहा है.
शुक्रवार को दुनियाभर में कोरोना के कुल मामले 65 मिलियन को पार कर गए. एएफपी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल दिसंबर में चीन में सामने आई इस कोरोना महामारी से अब तक दुनिया में कुल 15 लाख लोगों की जान जा चुकी है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अभी कुल 51 वैक्सीन का मानव ट्रायल किया जा रहा है, जिनमें से 13 वैक्सीन बड़े पैमाने पर परीक्षण के बाद अंतिम चरण में पहुंची है.