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भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है :  विश्वेश्वर पटेल 

रायपुर। शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर में शनिवार को संविधान दिवस की 75 वीं वर्षगांठ  के अवसर पर मेरा संविधान-मेरा अभिमान कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि   बृजमोहन अग्रवाल , सांसद रायपुर एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री छ.ग. शासन, मुख्य वक्ता राकेश कुमार सिन्हा, राज्यसभा सांसद एवं सुप्रसिद्ध विचारक तथा लेखक, कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला , कुलपति, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, विशेष अतिथि  विश्वविजय सिंह तोमर, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग तथा विश्वेश्वर पटेल , अध्यक्ष छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग की गरिमामयी उपस्थिति रही ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती के प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई । कार्यक्रम संचालन एवं समस्त अतिथियों का परिचय  संजय जोशी, कार्यक्रम प्रभारी के द्वारा दिया गया ।
  महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमिताभ बेनर्जी के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित समस्त अतिथियों एवं विद्ववतजनों का स्वागत किया गया एवं अपने स्वागत उद्बोधन में मेरा संविधान मेरा अभिमान विषय  पर प्रकाश डालने हेतु उपस्थित  अतिथियों का उद्बोधन हम सभी के लिए ज्ञानवर्धक एवं उपयोगी होगा ।
  दान सिंह देवांगन के द्वारा कार्यक्रम आयोजन के संबंध में अपनी बात रखी गई जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि 50 से अधिक महाविद्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें से विजेताओं को इस कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाना है ।
विशेष अतिथि  विश्वविजय सिंह तोमर ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बडा लिखित संविधान है इसमें हमने संशोधन का स्थान रखा है यह संविधान गौरवकारी है कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता के विचार हम सब के लिए उपयोगी होंगे ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला जी के द्वारा अपने उद्बोधन में अवगत कराया गया  कि इस संविधान की ड्राफट कमेंटी में 5 लोगों का प्रतिनिधित्व छत्तीसगढ़ से भी था उनके द्वारा विचार व्यक्त किया गया कि हालांकि हमारा सविधान लिखित संविधान है किंतु संविधान की प्रस्तावना के अनुसार देश को मजबूत बनाने के लिए एक दूसरे के हांथ में हांथ डाल कर आगे बढ़ना होगा।
कार्यक्रम में गौसोवा आयोग के अध्यक्ष  विश्वेश्वर पटेल के द्वारा विचार व्यक्त किया गया कि धर्म निर्पेक्षता की बजाय पंथ निर्पेक्षता होनी चाहिए एवं यह अच्छी बात है कि संविधान में आवश्यकता अनुसार सुधार संभव है ।
मुख्य वक्ता राकेश सिन्हा ने उद्बोधन में संविधान निर्माताओं की कर्तव्य पराकाष्ठा, संविधान सभा पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि डॉ. भीमराव बाबा साहब अंबेडकर को ही संविधान का निर्माता क्यों कहा जाता है । उनके द्वारा कहा गया कि यहां से तीन संदेश ले कर जायें 1 संविधान की रीढ़ होती है चेतना, जो कमजोर हो चुकी है जिसे ठीक करें । 2 तकनीक पर अधिक निर्भरता की अपेक्षा डॉयरी लिखे जो आपकी शिक्षक होगी । 3 यह देश स्वध्याय का देश रहा है सत्संग एवं स्वाध्याय सब के लिए आवश्यक है ।
मुख्य अतिथि सांसद  बृजमोहन अग्रवाल ने राकेश सिन्हा के विचारों के पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि संविधान ने हमें अधिकारों के सांथ-सांथ कर्तव्यों को भी बताया उनके द्वारा विशेष रूप से कहा गया कि संविधान सभा की पहल को पढ़ना प्रत्येक नागरिक विशेशकर युवाओं के लिए आवश्यक है । अपने संविधान को अपना स्वाभिमान बना कर देश का विकास कर सकते है । हमारा देश बांग्लादेश एवं पाकिस्तान नही बना तो इसका मुख्य कारण हमारा संविधान ही है ।
तत्पश्चात महाविद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को  पुरस्कृत किया गया । सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया । अंत में  दान सिंह देवांगन के द्वारा समस्त अतिथियों एवं सभाकक्ष में उपस्थित समस्त विद्ववतजनों  के प्रति आभार व्यक्त किया गया ।
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