कोविड-19 की वजह से निवेशक अब जोखिम कम करने की रणनीति अपना रहे हैं. इस रणनीति के तहत वे अब हर तरह के शेयरों में निवेश कर रहे हैं. निवेशकों बुल रन पर सवारी करने के चक्कर में अब तक इन शेयरों की अनदेखी करते आए थे.
दरअसल कोरोना वैक्सीन की सफलता की खबरों से निवेशकों में उत्साह है . इसके अलावा आरबीआई ने सिस्टम में काफी लिक्विडिटी भी झोंक रखी है. निवेशक इसका फायदा उठा रहे हैं. नकदी की इस अधिकता का निवेशक फायदा उठाने में लगे हैं और मिडकैप, स्मॉलकैप, पीएसयू, पावर और कंस्ट्रक्शन शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. हालांकि इनमें से कुछ शेयरों में तेजी ने निवेशकों को नर्वस भी किया है.
पिछले एक नवंबर से मिडकैप इंडेक्स में 16.6 फीसदी की तेजी आई है, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 16.3 फीसदी. सेंसेक्स में 13.8 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मार्च से नवंबर में जो रैली दिखी थी, उसमें सबसे ज्यादा फायदा टीसीएस, इन्फोसिस,रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी को हुआ था. विश्लेषकों का कहना है कि पिछले कुछ समय पहले तक मिड कैप और लार्ज कैप शेयरों के वैल्यूएशन में काफी अंतर था. ऐसे में निवेशकों को जोखिम करने के कई रास्ते नजर आ रहे हैं. निवेशक अब मिड और स्मॉल कैप शेयरों को भी तवज्जो दे रहे हैं. यह ट्रेंड सिर्फ भारत में ही नहीं दिख रहा है. दुनिया के कई देशों में निवेशक अपने जोखिम को हल्का करने के लिए यह रणनीति अपना रहे हैं. यही वजह है कि भारत में कई मिड कैप और स्मॉल कैप निवेशकों में तेजी देखी जा रही है.