दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई अब नए सिरे से आंकी गई है. नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848. 86 मीटर होगी. इससे पहले, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मानी जाती थी. मगर चीन और नेपाल के बीच सहमति बन जाने से अब संशोधित ऊंचाई 8848. 86 हो गई है.
दोनों देशों ने 13 अक्टूबर, 2019 को माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर सर्वे करने की घोषणा की थी क्योंकि उनके बीच पैमाने को लेकर कुछ मतभेद था. चीन का मानना था कि मांउट एवरेस्ट की ऊंचाई 29,0 17 फीट पर है जबकि नेपाल की राय थोड़ा ज्यादा 29,028 फीट होने की थी. समझौते के तहत चीन और नेपाल ने मिलकर माउंट झूमलांगमा और सागरमाथा की ऊंचाई का ऐलान करने की बात कही थी. ऊंचाई के मुद्दे पर एक राय बनाने के लिए फिर से ऊंचाई को परिभाषित करने की बात कई गई थी.
सर्वेक्षण विभाग ने ऊंचाई के पुनर्निधारण को लेकर रविवार को मंसूबे की जानकारी दी थी और कहा था कि मीडिया संस्थानों और प्रतिनिधियों को न्यौता भेजा जाएगा. नेपाल के सर्वेक्षण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल नरसिंह राजभंडारी ने ऐलान किया था, “हम नई ऊंचाई को लेकर एक कार्यक्रम की मेजबानी मंगलवार को करेंगे.” 2015 में आए भूकंप के बाद नेपाल ने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत की ऊंचाई को मापने के लिए मुहिम शुरू की. उस वक्त माना गया कि भूंकप के प्रभाव के चलते माउंट एवरेस्ट की वास्तविक ऊंचाई 8,848 नहीं हो सकती. 2019 में नेपाल और चीन ने संयुक्त रूप से ऊंचाई के एलान करने के लिए आपस में सहमति जताई थी.