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फ्लैगशिप योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले पंचायत सचिवों का रोका गया वेतन

० मुख्य कार्यपालन अधिकारी के खिलाफ लाबबंद सचिव संघ

सरायपाली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी फ्लैगशिप योजनाओं में लापरवाही बरते जाने वाले 37 पंचायत सचिवों पर गौठान निर्माण अपूर्ण, स्वच्छ भारत मिशन के तहत् सार्वजनिक शौचालय अपूर्ण, गोबर खरीदी निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप नहीं करने के कारण सरायपाली जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओकांरेश्वर सिंह द्वारा वेतन रोकने की कार्यवाही की गई है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि शासन के योजनाओं में कोताही बरतने और समय सीमा पर कार्य नहीं किए जाने पर आगे भी पंचायत सचिवों पर कार्यवाही जारी रहेगी। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा की गई कार्यवाही के विरोध में सचिव संघ द्वारा बैठक कर राजनेताओं से मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सरायपाली से हटाने की शिकायत की गई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए हर विधानसभा में आमजन से सीधा संवाद कर जानकारी ले रहे हैं। क्या शासन की जनहितैषी योजनाओं में लापरवाही करने वाले पंचायत सचिवों पर गलत कार्यवाही की गई है, यह विचारणीय विषय है! सरायपाली जनपद पंचायत के विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्थानीय व्यक्ति ही सचिव के पद पर लंबे समय दस वर्षों से एक ही पंचायत पर पदस्थ हैं और बिना मुख्यालय में रहे अपनी मनमानी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाना है लेकिन सरायपाली विकास खंड में दो चार गौठानों को छोड़कर लगभग सभी गौठान अव्यवस्थित है। न गोबर खरीदी हो रही है और ना ही वर्मी कमपोस्ट खाद बन रही है। ऐसे में आमजन को शासन की योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा?


यह सरायपाली क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का उदासीन रवैया है जिसके चलते विभिन्न ग्राम पंचायत के लोग शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित है। सरायपाली में जनपद क्षेत्र के निवासी स्थानीय सचिवों को हटाए जाने की आवश्यकता है।
इस संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ओंकार सिंह ने कहा कि नियमानुसार कार्य प्रगति ना होने के कारण लापरवाह सचिवों का वेतन रोका गया है। आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी। यदि शासन की योजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करना है तो ऐसे कठोर कदम उठाने ही होंगे। यदि कार्यों में प्रगति नहीं होगी तो शासन की मंशा अनुरूप और भी कड़ी कार्यवाही की जाएगी

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