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निकाय चुनाव: गरियाबंद में बीजेपी और कांग्रेस के बीच महासंग्राम, प्रचार-प्रसार की होड़ में दोनों पार्टियां जुटीं, चुनावी शोर हुई तेज

जीवन एस साहू

गरियाबंद। गरियाबंद में निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों प्रमुख दलों के अध्यक्ष प्रत्याशी अपने पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ जनसंपर्क अभियान में जुट गए हैं। गरियाबंद नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने रिखीराम यादव को मैदान में उतारा है, जो कि पार्षद के साथ ही एल्डरमैन रह चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने गैंदलाल सिन्हा पर भरोसा जताया है, गैंदलाल सिन्हा कलार समाज गरियाबंद परिक्षेत्र के मंडलेश्वर ( अध्यक्ष ) हैं। बीजेपी और कांग्रेस के अध्यक्ष प्रत्याशियों के चेहरे नगर की जनता के बीच छाए हुए हैं। जिसके चलते मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है।

मालूम हो कि मतदान की तारीख जैसे–जैसे नजदीक आ रही है बीजेपी और कांग्रेस पार्टी सहित निर्दलीय प्रत्याशी अपने चुनाव प्रचार–प्रसार और जनसंपर्क अभियान में सुबह से देर रात तक लगे हुए हैं। निकाय चुनाव को लेकर 11 फरवरी को मतदान होना है। इसके साथ ही अब चुनावी शोर भी सुनाई देने लगी है। प्रत्याशी अपने पक्ष में समर्थन मांगने जोर आजमाइश में पूरी तरह से लगे हुए हैं। एक तरह से देखा जाए तो गरियाबंद में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है।

–स्थानीय मुद्दे हावी और वायदे पर जोर–
गरियाबंद नगरीय निकाय चुनाव में इस बार भी स्थानीय मुद्दे हावी है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो स्थानीय चुनाव में ऐसे मुद्दे प्रभावशील होते हैं। गरियाबंद पालिका में बहुत से ऐसे पुराने काम हैं, जो अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। बात करें तालाब सौंदर्यीकरण की तो यह हर बार के चुनाव में प्रमुख मुद्दा रहता है। गरियाबंद में प्राचीन छिंद तालाब, नया तालाब जिसे धरोहर के रूप में माना जाता है, इसके अलावा रावणभाठा स्थित तालाब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। हालांकि तालाबों के सौंदर्यीकरण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। बता दें कि हालही में कलेक्टर इसके निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे और कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए थे। इसके अलावा गरियाबंद में धूल की समस्या बनी हुई है साथ ही बजबजाती नाली जिसके गंदे पानी की निकासी की समस्या प्रमुख रूप से बनी हुई है। इस समस्या से आज भी नगरवासी लंबे समय जूझ रहे हैं। वहीं गरियाबंद की जनता शांत है और इस बार भी वह गरियाबंद के विकास को लेकर चुनाव में अपना वोट देने जाएंगे। लेकिन जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है, वह तो चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। बहरहाल बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल चुनावी अभियान में जुटी हुई है।

 

एक ही मशीन में होगा अध्यक्ष और पार्षद पद के लिए मतदान
–ईवीएम मशीन के सफेद भाग में अध्यक्ष और गुलाबी भाग में पार्षद के होंगे नाम–

–अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने बटन को दबाकर कर सकेंगे मतदान–

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकाय निवार्चन में ईवीएम मशीन के माध्यम से मतदान होगा। मतदातागण एक ही ईवीएम मशीन में अध्यक्ष और पार्षद पद के लिए मतदान कर सकेंगे। ईवीएम मशीन के ऊपरी सफेद भाग में अध्यक्ष और उसके नीचे गुलाबी भाग में पार्षद के नाम अंकित होंगे। मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने बटन को दबाकर मतदान कर सकेंगे। पहले अध्यक्ष पद के लिए सफेद लेबल में अपनी पसंद के अभ्यर्थी के सामने खुले बटन को दबाने के पश्चात बीप की छोटी आवाज आएगी। फिर पार्षद पद के लिए गुलाबी लेबल में अपनी पंसद के अभ्यर्थी के सामने के खुले बटन को दबाने पर मतदान करने पर बीप की लंबी आवाज आएगी। एक मतदान यूनिट में अधिकतम सोलह बटन की व्यवस्था होती है। मतदान के लिए ईवीएम मशीन की डिजाइन इस प्रकार से तैयार की गई है कि मतदाता बहुपद अर्थात् अध्यक्ष तथा पार्षद पद के लिए अपनी इच्छानुसार अपने पसंद के अभ्यर्थी को उसके नाम, फोटो एवं प्रतीक के सामने एक नीला बटन है इस नीले बटन को दबाकर इच्छित अभ्यर्थी के लिए बटन दबाकर अलग-अलग मतदान कर सकता है। मतदान मशीन ई.सी.आई.एल. द्वारा निर्मित एक बैटरी द्वारा संचालित मशीन होती है इसका संचालन सुगम है तथा यह त्रुटिरहित है। प्रत्येक अभ्यर्थी के नाम के समक्ष मतदान यूनिट के बटन को दबाकर मतदाता अपनी पसंद के अभ्यर्थी के पक्ष में मतदान कर सकता है।

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