Hanuman Jayanti April 2025: हनुमान जयंती हनुमान जी के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्व रखता है। हर साल, हनुमान जी का जन्मदिन दो बार मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, एक बार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को, जिसे हनुमान जन्मोत्सव कहते हैं। दूसरी बार चैत्र महीने की पूर्णिमा को, जिसे हनुमान जयंती कहते हैं। इस साल चैत्र महीने में हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती दो बार मनाने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण बताए जाते हैं। आइए, विस्तार से जानते हैं हनुमान जयंती दो बार क्यों मनाते हैं।
दक्षिण भारत में चैत्र पूर्णिमा में हनुमान जयंती का महत्व
दक्षिण भारत में हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। दक्षिण भारत के मत अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी को नया जन्म मिला था, इसलिए फिर से जीवन प्राप्ति के साथ अद्भुत शक्तियां पाने के उपलक्ष्य में हनुमान जयंती इसी दिन मनाई जाती है। जबकि उत्तर भारत के मतानुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जयंती मनाते हैं। इस साल कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी 19 अक्टूबर को है, इसलिए इस दिन भी हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
हनुमानजी को फिर से ऐसे मिला था नया जीवन
हनुमान जी की दो जयंती मनाई जाती हैं। एक उनके जन्मदिन के रूप में और दूसरी विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में। हनुमानजी जन्म से ही शक्तिशाली थे। उन्होंने एक बार सूर्य को फल समझकर खाने की कोशिश की। इंद्र ने उन्हें रोकने के लिए प्रहार किया जिससे वे मूर्छित हो गए। हनुमानजी को पवन पुत्र भी माना जाता है। इससे पवनदेव क्रोधित हो गए और उन्होंने हवा रोक दी। फिर पूरे ब्रह्मांड में संकट आ गया। देवताओं की प्रार्थना के बाद ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को दूसरा जीवन दिया। देवताओं ने उन्हें अपनी शक्तियां भी दीं। जिस दिन हनुमान जी को दूसरा जीवन मिला, वह चैत्र मास की पूर्णिमा थी इसलिए इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। वहीं, पौराणिक कहानियों के अनुसार माता सीता और श्रीराम ने हनुमानजी को चिंरजीवी होने का वरदान दिया था, इसलिए हनुमान जयंती कार्तिक माह में भी मनाई जाती हैं।