Close

बार्ज P-305 हादसा मामला: आज भी लापता परिजनों के लिए भटक रहे हैं पीड़ित परिवार

नई दिल्लीः चक्रवाती तूफान ‘ताऊते’ को गुजरे 1 महीने का वक्त हो गया है. इस चक्रवाती तूफान की चपेट में आए बार्ज 305 हादसे और टग बोट वरप्रदा हादसे में 86 लोगों की मौत हुई है. इंडियन नेवी, कोस्ट गार्ड और समुद्री किनारों से कुल 86 शव बरामद किए गए हैं. इस हादसे के लगभग 1 महीने का वक्त गुजर जाने के बाद भी कई पीड़ित परिवार ऐसे हैं जो अपने परिजनों की तलाश में आज भी भटक रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहने वाले शिवकुमार मिश्रा बार्ज P-305 पर बतौर सुपरवाइजर काम कर रहे थे. शिवकुमार मिश्रा 6 महीने से इस ‘बार्ज पापा 305’ पर तैनात थे और 2 दिन और काम करने के बाद वह छुट्टी पर अपने गांव जाने वाले थे. हादसे की 1 महीने बीत जाने के बाद भी शिव कुमार मिश्रा के परिजन मुंबई में दर-दर भटक रहे हैं.

शिवकुमार मिश्रा के भाई रविप्रकाश मिश्रा का कहना है कि 16 मई की शाम को वीडियो कॉलिंग पर आखिरी बार उनके भाई से बातचीत हुई थी. वीडियो कॉलिंग पर शिवकुमार ने परिवार के सभी सदस्यों से बातचीत की थी और यह भी कहा था कि तूफान की वजह से नेटवर्क में दिक्कत हो सकती है तो अगले कुछ दिनों में बातचीत नहीं हो पाएगी. यहां तक कि 17 मई की सुबह भी शिवकुमार ने वीडियो कॉलिंग करने का प्रयास किया था, लेकिन नेटवर्क खराब होने की वजह से परिवार से बातचीत नहीं हो पाई. 19 तारीख को परिवार को सूचना मिली कि अरब सागर में बार्ज हादसे का शिकार हो गया जिस पर शिवकुमार काम कर रहे थे.

शिवकुमार अपने घर में अकेले कमाने वाले थे. घर में बीमार पिता बच्चा मिश्रा के अलावा पत्नी और एक बेटा, एक बेटी है. अपने भाई रवि प्रकाश के परिवार को लेकर 8 लोगो का पेट पाल रहे शिवकुमार की कोई खबर नहीं मिलने से परिवार 1 महीने से सदमे में है.

येलोगेट पुलिस थाने से मिली जानकारी के मुताबिक 7 शव ऐसे हैं जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है. कई पीड़ित परिवार अपने परिजनों के लिए डीएनए जांच करा रहे हैं. जेजे अस्पताल द्वारा इन परिजनों के ब्लड सैंपल लेकर डीएनए जांच कराई जा रही है.  हालांकि एक महीने बाद भी इन परिजनों को उनके लापता हुए सदस्य की कोई सुराग नहीं मिल रही है.

 

यह भी पढ़ें- डीमैट अकाउंट खोलते वक्त रखें ध्यान, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस समेत इन बातों की करें जांच

One Comment
scroll to top