Close

कोरोना की तीसरी लहर का पीक  6 फरवरी तक, आईआईटी मद्रास की स्टडी में  दावा

corona

नई दिल्ली। देश में कोरोना की तीसरी लहर का पीक 14 दिनों में आ जाएगा। आईआईटी मद्रास ने अपनी स्टडी में यह दावा किया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना के मामले 6 फरवरी तक यानी 2 हफ्तों में चरम पर पहुंच जाएंगे। तीसरी लहर का मुख्य कारण कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को माना जा रहा है।

स्टडी के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमण फैलने की दर बताने वाली आर  वैल्यू 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच 2.2 से घटकर 1.57 रह गई है। ऐसे में तीसरी लहर के अगले 15 दिन में पीक पर पहुंचने की आशंका है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने 14 से 21 जनवरी के बीच आर  वैल्यू 1.57 रिकॉर्ड की है। यह 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2 थी। 1 से 6 जनवरी के बीच यह 4 पर थी। पिछले साल 25 से 31 दिसंबर के बीच आर  वैल्यू 2.9 के करीब थी। ये सभी एनालिसिस आईआईटी ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के आधार पर की है।

क्या होती है आर  वैल्यू?

आर  वैल्यू कोरोना की प्रसार दर को दिखाती है। जो ये बताती है कि कोरोना से इन्फेक्टेड एक व्यक्ति, कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है। अगर आर  वैल्यू 1 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि केस बढ़ रहे हैं और अगर 1 से नीचे चली गई तो महामारी को खत्म माना जाता है।

दिल्ली और चेन्नई में हालात चिंताजनक

जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार मुंबई की आर  वैल्यू 0.67, दिल्ली की 0.98, चेन्नई की 1.2 और कोलकाता की 0.56 पाई गई। आईआईटी मद्रास के गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने कहा कि मुंबई और कोलकाता के आंकडों से ये पता चलता है कि वहां कोरोना संक्रमण की पीक अब खत्म होने की कगार पर है। जबकि दिल्ली यह अभी भी 1 के करीब और चेन्नई में 1 से ज्यादा है।

तीन चीजों पर निर्भर करता है आर वैल्यू

झा ने कहा कि आर  वैल्यू तीन चीजों पर निर्भर करता है- प्रसार की आशंका, संपर्क दर और संभावित समय अंतराल, जिसमें संक्रमण हो सकता है। उन्होंने बताया कि अब क्वारैंटाइन के उपायों या पाबंदियां बढ़ाए जाने के साथ हो सकता है कि संपर्क में आने की दर कम हो जाए और उस मामले में R वैल्यू कम हो सकती है।
एनालिसिस के आधार पर हम यह संख्या बता सकते हैं, लेकिन यह बदल सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि लोगों के जमा होने और दूसरी गतिविधियों पर कैसी कार्रवाई की जा रही है।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग नहीं हो रही, इसलिए कम आ रहे मामले

झा ने बताया कि केस कम आने का एक कारण ये भी हो सकता है कि आईसीएमआर  के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जरूरत को हटा दिया गया है। इसके अनुसार कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का पता लगाने की जरूरत नहीं है। इसीलिए पहले की तुलना में संक्रमण के मामले कम आ रहे हैं।

कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज में पहुंचा ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन वैरिएंट देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज में पहुंच गया है। यह कई महानगरों में बेहद प्रभावी हो गया है, जहां नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंर्सोशियम (INSACOG) ने अपने नए बुलेटिन में यह जानकारी दी है।

INSACOG ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट BA2 भी कई जगहों पर मिला है। देश में ओमिक्रॉन का पहला केस पिछले साल 2 दिसंबर को सामने आया था। इसलिए लिहाज से महज 7 हफ्तों के अंदर कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन स्‍टेज आ गई है।

INSACOG देश भर में कोरोना वायरस में आ रहे बदलावों की जांच कर रहा है ताकि यह समझने में मदद मिल सके कि यह कैसे फैल रहा है और डेवलप हो रहा है। इसके साथ ही INSACOG इससे निपटने के लिए बेहतर उपायों के बारे में सुझाव भी देता है।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कोरोना पॉजिटिव

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उनके सोशल मीडिया अकाउंट से रविवार को इसकी जानकारी दी गई। उपराष्ट्रपति इस समय हैदराबाद में हैं और एक हफ्ते के लिए सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं। उन्होंने अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों से टेस्ट कराने और आइसोलेट होने की अपील की है। वे दूसरी बार कोरोना संक्रमित हुए हैं। वे 7 दिन के लिए क्वारैंटाइन में रहेंगे तो गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे। संसद कॉम्पलेक्स में अब तक 875 लोग कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें से 271 राज्य सभा सचिवालय से हैं।

कर्नाटक में डेली केस के सभी रिकॉर्ड टूटे

कर्नाटक में रविवार को कोरोना के 50,210 नए मामले मिले हैं। ये कोरोना की तीनों लहरों के दौरान एक दिन में मिलने वाले सबसे ज्यादा मामले हैं। इससे पहले 5 मई 2021 को कर्नाटक में 50,112 मामले मिले थे। राज्य में पिछले 24 घंटों में 22,842 मरीजों ने कोरोना केा मात दी है, जबकि 19 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। फिलहाल यहां इजाल करा रहे मरीजों की संख्या 3.57 लाख है, पॉजिटिविटी रेट 22.77% है।महाराष्ट्र में रविवार को  40,805 नए केस मिले और 44 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई। राज्य में एक्टिव केस बढ़कर 2.93 लाख हो गए हैं।

दिल्ली में रविवार को 9197 नए मामले दर्ज किए गए और 34 कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने जान गंवाई। पिछले 24 घंटों में 13,510 लोग ठीक हुए।

 

 

यह भी पढ़ें- नेताजी स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक: सुश्री उइके

One Comment
scroll to top