के इस साल भारत और रूस के बीच वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में शामिल होने की संभावना नहीं है। माना जा रहा है कि इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की यात्रा इस साल उनकी आखिरी विदेश यात्रा थी। इसी साल उन्हें रूस की यात्रा पर जाना था पर अब उनकी यात्रा नहीं होने की संभावना है।
पिछले साल दिसंबर में भारत में दोनों देशों के बीच 21वीं वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हुए थे। व्लादिमीर पुतिन ने 6 घंटे के लिए भारत की यात्रा की थी। इस वर्ष बैठक की मेजबानी करने की बारी रूस की थी।
India-Russia annual summit may not happen this year, PM Narendra Modi unlikely to visit Moscow to meet Russian President Vladamir Putin: Sources
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— ANI (@ANI) December 10, 2022
भारत ने रूस से कई अहम मुद्दों पर की बात
बता दें कि पिछले साल हुए इस सम्मेलन में भारत ने रूस से कई अहम मुद्दों पर बात की थी। उस दौरान रूस के साथ ‘‘2+2” रक्षा एवं विदेश मंत्री स्तरीय वार्ता में भारत ने उसके पड़ोस में ‘‘असाधारण सैन्यीकरण” और उत्तरी सीमा पर ‘‘बिना उकसावे वाली आक्रमकता” को देश के समक्ष प्रमुख चुनौतियां बताया था। वार्ता में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में दावा किया था कि भारत अपनी दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और अपने लोगों की निहित क्षमताओं के कारण चुनौतियों से पार पाने को लेकर आश्वस्त है। सिंह के अतिरिक्त वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनके रूसी समकक्ष सर्जेइ लावरोव और रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गे शोइगु ने हिस्सा लिया था।
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा था कि महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण, आयुधों का विस्तार और 2020 के ग्रीष्म से हमारी उत्तरी सीमा पर बिना उकसावे की आक्रामकता से कई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं। हालांकि सिंह ने पूर्वी लद्दाख में बिना उकसावे की आक्रामकता का उल्लेख करते हुए चीन का नाम नहीं लिया था।
रूस ने भारत को शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव नहीं दिया
यूक्रेन पर आक्रमण के 10 महीने हो गए हैं। ऐसे में रूस ने भारत को शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव नहीं दिया है और न ही तारीखों की घोषणा की गई है। वहीं भारत सरकार की ओर से भी प्रधानमंत्री के रूस दौरे का कोई कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है। ऐसे में उनके रूस जाने की संभावना नहीं है।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा – “युद्ध का युग नहीं है”
इससे पहले दोनों नेता सितंबर में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर उज्बेकिस्तान के समरकंद में सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बैठक के लिए मिले थे। तब यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की बढ़ती बेचैनी के संकेत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि यह “युद्ध का युग नहीं है”। पीएम मोदी के इस बयान का पश्चिमी देशों ने स्वागत किया था और यहां तक कि बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में भी इसका उल्लेख किया गया।
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