नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संसद सदस्यों के लिए दिल्ली के डॉ. बी डी मार्ग में स्थित बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन कर दिया है. दिल्ली के डॉ. बी डी मार्ग में स्थित बहुमंजिला फ्लैटों के उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा, “बी डी मार्ग पर जो क्षेत्र आवास है जो तीन टावरों के अंदर बनाए गए हैं इनका नाम गंगा, यमुना और सरस्वती रखा गया है. इनके निर्माण में 17 महीने लगे और 188 करोड़ रु. इसकी कुल लागत आई है.”
सदन की जो ऊर्जा बढ़ी है इसके पीछे एक और कारण है. इसकी भी शुरुआत एक तरह से 2014 से हुई है. तब देश एक नई दिशा की तरह बढ़ना चाहता था, बदलाव चाहता था.
संसद की इस प्रॉडक्टिविटी में आप सभी सांसदों ने प्रॉडक्ट्स और प्रोसिस दोनों का ही ध्यान रखा है. हमारी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के ही सांसदों ने इस दिशा में एक नई ऊंचाई हासिल की है.
17वीं लोकसभा के नाम सबसे ज्यादा महिला सांसदों को चुनकर भेजने का भी रिकॉर्ड है. देश का ये नया मिजाज संसद की संरचना में भी दिखता है. यही कारण है कि देश की कार्यप्रणाली में, गवर्नेंस में एक नई सोच और नया तौर तरीका दिखाई दे रहा है.
16वीं लोकसभा में 60 फीसदी ऐसे बिल रहे हैं जिन्हें पास करने के लिए औसतन 2-3 घंटे तक की डिबेट हुई है. हमने पिछली लोकसभा से ज्यादा बिल पास किए, लेकिन पहले से ज्यादा डिबेट की है. ये दिखाता है कि हमने प्रोडक्ट्स भी फोकस किया है और प्रोसेस को भी निखारा है.
हमारे यहां कहा गया है कि क्रिया सिद्धिः सत्त्वे भवति महतां नोपकरणे. अर्थात- कर्म की सिद्धि हमारे सत्य संकल्प पर हमारी नीयत से ही होती है. आज हमारे पास साधन भी है, और दृढ़ संकल्प भी है.
2019 के बाद से 17वीं लोकसभा का कार्यकाल शुरू हुआ है. इस दौरान देश ने जैसे निर्णय लिए हैं, उससे ये लोकसभा अभी ही इतिहास में दर्ज हो गई है. इसके बाद 18वीं लोकसभा होगी. मुझे विश्वास है, अगली लोकसभा भी देश को नए दशक में आगे ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.