गरियाबंद/राजिम। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,राजिम में प्रोग्राम आउटकम कोर्स आउटकम और लर्निंग आउटकम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के औचित्य व उपयोगिता को दर्शाने के लिए महाविद्यालय के समस्त विभागों द्वारा बी ए,बी एस सी,बी काम,एम काम,एम एस सी,एम ए के प्रोग्राम और कोर्स के परिणाम की जानकारी विघार्थियों को विस्तार से दी गई। इस कार्यशाला के संबंध में संस्था प्रमुख डॉ सी एल देवांगन ने कहा कि विघार्थियों को अपने पाठ्यक्रम परिणाम संबंधी उपयोगिता को जानने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है। सभी विद्यार्थी इसका लाभ अपने आने वाले भविष्य में अनेक अवसरों पर करेंगे। प्रो एम एल वर्मा ने कहा कि स्नातक व स्नातकोत्तर कोर्स पूर्ण करने के बाद दैनिक जीवन में इन पाठ्यक्रमों का समुचित उपयोग मानवीय मूल्यों के निर्धारण में सहयोगी सिद्ध होगा।
नैक प्रभारी डॉ गोवर्धन यदु ने इस कार्यशाला की उपयोगिता पर विस्तार से दृष्टि डालते हुए बतलाया कि विघार्थी किस तरह से सीमित संसाधनों में स्वरोजगार को अपनाकर स्वयं के अलावा अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकता है। विघार्थी अपने पाठ्यक्रम के व्यावहारिक उपयोगिता को समझ पाने में असमर्थ होते है यह कार्यशाला निर्धारित पाठ्यक्रम की व्यवहारिक उपयोगिता पर प्रकाश डालता है।
सहायक प्राध्यापक क्षमा शिल्पा चौहान, चित्रा खोटे, प्रदीप टंडन ने अपने उद्बोधन में कहा कि संचालित पाठ्यक्रमों में महान विभूतियों के विचार व समाजिक बदलाव में उनके योगदान को जानने व समझने का अवसर प्राप्त होता है। सामाजिक प्राणी होने के नाते समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी ज्ञान होता है।
आकाश बाघमारे, मुकेश कुर्रे, श्वेता करें, तामेश्वर मार्कंडेय ने इस कार्यशाला को प्रासंगिक बतलाते हुए कहां कि संचालित पाठ्यक्रमों के माध्यम से हम अपनी ऐतिहासिकता से परिचित होते है।और इतिहास में स्वयं के द्वारा की गई गलतियों को भविष्य में सुधारने का अवसर प्राप्त होता है।
सहायक प्राध्यापक राजेश बघेल व भानुप्रताप नायक, मनीषा भोई ने कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विघार्थियों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रमों के द्वारा विघार्थी आने वाले समय में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने आपको तैयार कर सकता है।अगर विघार्थी गंभीरता से फोकस होकर नेट,सेट,पी एस सी, बैंक,एस एस सी, पटवारी,आई एस आदि प्रतियोगी परीक्षा में आसानी से सफलता हासिल कर सकता है।
सभी संकाय के विघार्थीयो ने इस कार्यशाला में उत्साहित होकर सहभागिता दर्ज की।