० शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा
रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में शासन की प्राथमिकता वाली योजना के क्रम में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, स्कूल शिक्षा तथा ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में रोजगार मिशन, आईटीआई उन्नयन, बेरोजगारी भत्ता, आत्मानंद स्कूल, स्कूलों के मरम्मत, वर्ल्ड क्लास स्कूल की स्थापना और छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला शामिल हुए।
शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा में बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत बेरोजगारों को भत्ता प्रदान करने हेतु की जा रही प्रक्रिया के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिपालन में बेरोजगारी भत्ता हेतु हितग्राहियों से एक अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन-पत्र मंगाये जा रहे है। अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 46 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके है और प्रतिदिन हजारों की संख्या में आवेदन प्राप्त हो रहे है। आवेदनों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। आवेदकांे के बैंक खातों का सत्यापन किया जा रहा है। बैंक खातों के सत्यापन उपरांत पात्र आवेदकों को एक मई 2023 से उनके बैंक खाते में बेरोजगारी भत्ता की राशि का हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा।
इसी तरह से आईटीआई उन्नयन के तहत राज्य तकनीकी संस्थानों को टेक्नोलॉजिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत 36 शासकीय आईटीआई के उन्नयन हेतु 1216.80 करोड़ रूपए की लागत आएगी। इसमें कार्पोरेट जगत का सहयोग लिया जा रहा है। बैठक में अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय प्रारंभ किए गए है। स्कूलों के भवनों, शिक्षकों की भर्ती सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि नवा रायपुर के सेक्टर 32 में विश्व स्तरीय आवासीय विद्यालय खोला जा रहा है। इसके संबंध में अब तक हुए कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि स्कूल भवन का कार्य नींव स्तर तक का पूर्ण हो गया है। विद्यालय के कार्यों हेतु 49 करोड़ 52 लाख रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के तहत कोरोना संक्रमण में बेसहारा हुए ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना के कारण खो दिया है ऐसे उन सभी बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इसमें कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को पांच हजार रूपए प्रति विद्यार्थी तथा कक्षा 9 से 12 तक के लिए प्रति विद्यार्थी 10 हजार रूपए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। निजी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 12वीं के सभी विद्यार्थियों के लिए शाला शुल्क की पूर्ति शासन द्वारा की जा रही है। बैठक में ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस.भारतीदासन सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।