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शोधार्थियों के अकादमिक यात्राएँ: छत्तीसगढ़ी में MA के बाद की पीएचडी, ग्रामीण विकास में हुआ पहली बार शोध

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर का 26वाँ दीक्षांत समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल महामहिम विश्वभूषण हरिचंदन के अध्यक्षता में हुआ। विशिष्ट अतिथि माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल थे। दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता पद्मश्री प्रो. वाई.एस. राजन थे । दीक्षांत समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर के मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया और पीएच-डी और डी.लिट. प्राप्तकर्ताओं को उपाधि प्रदान की गई। । इसी क्रम में डॉ. हितेश कुमार, डॉ. राज कमल रॉय और डॉ. प्रगति कृष्णन को पीएच.डी. पद्मश्री प्रो. वाई.एस. राजन द्वारा प्रदान की गई। समारोह में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला, कुलसचिव डॉ. शैलेंद्र कुमार पटेल, कार्यकारी समिति के समस्त सदस्य, प्राध्यापक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक उपस्थित थे।

पीएच-डी. करने वाले एम.ए. छत्तीसगढ़ी के पहले छात्र-

साहित्य एवं भाषा-अध्ययनशाला से डॉ. हितेश कुमार, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर ने अपने शोध कार्य के लिए डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएच-डी) से सम्मानित किया है। उन्होंने प्रो केशरी लाल वर्मा, पूर्व कुलपति, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के कुशल मार्गदर्शन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया है।
डॉ. हितेश कवर्धा के डुमरिया गांव के राघवेंद्र तिवारी – श्रीमती सरोज तिवारी के पुत्र हैं। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में एम.ए. छत्तीसगढ़ी प्रथम बैच के दो स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ता हैं और उन्होंने भाषाविज्ञान में एम.फिल भी पूरा किया है। वे छत्तीसगढ़ी विषय लेकर पीएच-डी. करने वाले एम.ए. छत्तीसगढ़ी के पहले छात्र हैं। उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 1 मई 2022 को आयोजित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 59वें स्थापना दिवस में एक उत्कृष्ट शोधार्थी के रूप में सम्मानित किया गया है। उनके तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हैं। डाॅ. हितेश वर्तमान में भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर के प्रोजेक्ट में रिसर्च एसोसिएट (छत्तीसगढ़ी) के पद पर कार्यरत है।

छत्तीसगढ़ की पहली पीएच.डी. ग्रामीण विकास में-
क्षेत्रीय अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से डॉ. राज कमल रॉय ने “आदिवासी और गैर-आदिवासी उद्यमियों का एक तुलनात्मक अध्ययन- छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के विशेष संदर्भ में” उनके अनुकरणीय शोध कार्य के लिए डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएच-डी) से सम्मानित किया है। इन्होंने अपना शोध कार्य डॉ. मीताश्री मित्रा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्ययनशाला एवं डॉ. निस्टर कुजूर, प्रोफेसर, समाजशास्त्र और समाजकार्य अध्ययनशाला के मार्गदर्शन में पूर्ण किया । डाॅ. राजकमल उत्तर बस्तर कांकेर के बंदे तहसील के एक बहुत ही दूरस्थ गांव शांतिपुर में जन्मे और पले-बढ़े है और श्री जयदेव रॉय और श्रीमती सरोमा राय के सुपुत्र है।

शोध कार्य के दौरान डॉ. राय ने बस्तर क्षेत्र के दूर-दराज के गाँवों की जनजातियों और गैर-जनजातियों के साथ गहन और सोच-समझकर अध्ययन किया है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से ग्रामीण विकास में पहली पीएच.डी. इनके द्वारा किया गया। इनके काम ने जनजातीय जिलों के उद्यमशीलता परिदृश्य की एक गहन तस्वीर प्रदान की है और उस क्षेत्र में उद्यमशीलता कौशल विकसित करने के लिए एक रोडमैप भी प्रदान किया है। वर्तमान में डाॅ. राजकमल क्षेत्रीय अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे है।

ग्रामीण छत्तीसगढ़ में मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स एंड जेंडर में पीएच.डी.-
अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर से डॉ. प्रगति कृष्णन ने “ग्रामीण छत्तीसगढ़ में लिंग परिप्रेक्ष्य से सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों का विश्लेषण” पर उनके अनुकरणीय शोध कार्य के लिए डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएच-डी) से सम्मानित किया। उन्होंने डॉ. रवींद्र ब्रह्मे, प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला के कुशल मार्गदर्शन में अपना शोध कार्य की है। इनका शोध समाज के प्रति महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा क्योंकि यह सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों के क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डालता है और छत्तीसगढ़ में बेहतर सतत विकास लक्ष्यों के लिए नीतियों के कार्यान्वयन में भी सहायक है। भिलाई में जन्मी और पली-बढ़ी डाॅ. प्रगति सेवानिवृत्त बी.एस.पी. अधिकारी और छत्तीसगढ़ एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव श्री राधाकृष्ण पिल्लई और श्रीमती आशा राधाकृष्णन की बेटी हैं और श्री प्रतीक कृष्णन की बहन है।

शोध के दौरान डॉ. प्रगति कृष्णन ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित लघु शोध परियोजना में शोध सहायक के रूप में भी काम की है और आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय, छत्तीसगढ़ सरकार में ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप भी की है। वे स्नातक में स्वर्ण पदक की प्राप्तकर्ता हैं और स्नातकोत्तर में भी विश्वविद्यालय की टॉपर रही हैं। उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 1 मई 2023 को आयोजित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के 60वें स्थापना दिवस में एक उत्कृष्ट शोधार्थी के रूप में सम्मानित किया गया। उन्हें जून 2023 में होने वाले दो सप्ताह के पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय लोक वित्त और नीति संस्थान (NIPFP), नई दिल्ली में भी चुना गया है।वर्तमान में डॉ. प्रगति कृष्णन अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही है।

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