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जानिए पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का क्या है प्रोसेस, गलती करने पर फीस भी हो जाती है जब्त

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं. वैसे ड्राइविंग लाइसेसं एक तय प्रक्रिया के तहत ही जारी किया जाता है. लाइसेंस जारी हो जाने का अर्थ यह होता है कि ट्रांसपोर्ट विभाग वाहन चलाने के लिए आपको योग्य मानता है.

बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस दो तरह से जारी किए जाते हैं. सबसे पहले वाहन चालक को लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता है. हालांकि लर्निंग लाइसेंस बनवाने को लेकर लोग काफी दुविधा में रहते हैं. उन्हें कंफ्यूजन रहती है कि लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए भी क्या उन्हें परमानेंट लाइसेंस बनवाने वाली प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है यानी ड्राइविंग टेस्ट देना होता है. लेकिन ऐसा नहीं है बता दें कि लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट नहीं लिया जाता है बल्कि ऑनलाइन टेस्ट लिया जाता है. दरअसल ऑनलाइन आवेदन करने के बाद पहली बार लाइसेसं हासिल करने के लिए कंप्यूटर पर ही एक टेस्ट दिया जाता है. इस टेस्ट में अगर आप पास हो जाते हैं तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिया जाता है. वहीं अगर टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो न केवल फीस जब्त हो जाती है बल्कि ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिलता है.

टेस्ट में आपसे आठ से दस सवाल पूछे जा सकते हैं. जिनमें से आपको सात सवालों का सही जवाब देना अनिवार्य है. सात सवालों के सही जवाब देने के बाद आप पास हो जाते हैं. लर्निंग लाइसेंस की वैलिडिटी 6 माह होती है और इसके बाद आप परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए फीस 200 रुपये हैं.

लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया बेहद सरल है. इसके लिए राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर आप आवेदन कर सकते हैं. https://parivahan.gov.in/sarathiservice10/stateSelection.doपर जाएं. यहां राज्यों की लिस्ट दी गई है. सबसे पहले अपना राज्य का नाम सेलेक्ट करें. इसके बाद लर्नर के लिए ऑप्शन होता है. वहां क्लिक करने पर पूरा फॉर्म खुल जाएगा. फॉर्म भरने के बाद एक नंबर जेनरेट होगा जिसे सेव कर लें. यहां आपको उम्र प्रमाण पत्र, एड्रेस प्रूफ, आईडी प्रूफ, अटैच करना होगा. इस प्रोसेस को पूरा करने के बाद अपना फोटो और डिजिटल सिग्नेचर अपलोड करना होगा. इसके बाद ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्लॉट बुक करना होता है. स्लॉट का सेलेक्शन करने के दौरान फीस भरनी होती है. इसके बाद रजिस्टर्ड नंबर पर एक मैसेज आएगा. उसे सेव कर लें.

फीस जमा किए जाने के बाद स्लॉट के हिसाहब से आरटीओ दफ्तर में जाकर ऑनलाइन टेस्ट देना होता है. इस टेस्ट में यातायात के नियमों तथा यातायात के चिन्हों से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं. एक प्रश्न के चार विकल्प दिए जाते हैं. सही उत्तर पर क्लिक करना होता है. इसके बाद दूसरा प्रश्न आपके कंप्यूटर स्क्री पर उभर आता है. इसमें साथ ही यह भी पता चलता रहता है आपका जवाब सही है या गलत. टेस्ट पूरा होते ही आपके सामने रिजल्ट आ जाता है कि आप पास हुए हैं या फेल.

टेस्ट पास करने के 48 घंटे के भीतर ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस मिल जाता है. इसकी वैलिडिटी 6 महीने की होती है. इसके बाद परमानेंट लाइसेंस बनवाया जा सकता है.

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