हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह में दुर्गाष्टमी मनाई जाती है।इसे मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में जाना जाता है। गुप्त नवरात्रि या आषाढ़ मास की अष्टमी कब है जानिए , शुभ मुहूर्त,पूजा विधि और महत्व के बारे में।
आषाढ़ दुर्गा अष्टमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
० आषाढ़ माह की अष्टमी तिथि का आरंभ: 26 जून, दिन सोमवार को सुबह 4 बजकर 15 मिनट
० आषाढ़ माह की अष्टमी तिथि का समापन: 27 जून, दिन मंगलवार को सुबह 4 बजकर 1 मिनट
० ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, आषाढ़ माह की दुर्गाष्टमी 26 जून को मनाई जाएगी।
आषाढ़ दुर्गा अष्टमी 2023 पूजा विधि
० आषाढ़ दुर्गाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
० फिर मां मंदिर को या पूजा स्टाल को गंगाजल से शुद्ध करें।
० मां दुर्गा का जलाभिषेक करें और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
० मां दुर्गा का श्रृंगार करें और लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
० मां दुर्गा को अक्षत, मोली और लाल रंग की चुनरी अर्पित करें।
० मन दुर्गा को फल, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं।
० मां दुर्गा के समक्ष दीपक जलाएं और उनके मंत्रों का जाप करें।
० दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।
० मां की आरती उतारें और प्रसाद वितरित करें।
आषाढ़ दुर्गा अष्टमी 2023 महत्व
० मासिक दुर्गाष्टमी का वरदान खुद भगवान शिव ने मां दुर्गा को दिया था।
० मां दुर्गा न सिर्फ शक्ति का रूप हैं बल्कि वह प्रकृति का भी प्रतीक हैं।
० मनुष्य के कल्याण के लिए प्रकृति का पृथ्वी से जुड़े रहना आवश्यक है।
० इसलिए भगवान शिवने हर माह में मां दुर्गा की पूजा का विधान स्थापित किया।
० ताकि भक्तों के संकट हरने मां साल में मात्र दो बार नहीं बल्कि हर माह पृथ्वी पर आएं।
० आषाढ़ माह की दुर्गाष्टमी का व्रत रख मां की पूजा करने से सभी कष्ट मिट जाते हैं।
० मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।