आज का इतिहास 21 अगस्त : आज के दिन शहनाई हुई थी खामोश…आज ही के दिन उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का हुआ था निधन
दुनिया में ऐसे बहुत से फनकार हुए हैं, जो किसी एक देश की सरहदों तक सीमित नहीं रहे। ऐसे भी लोग हुए, जिन्होंने किसी एक साज के साथ खुद को ऐसा जोड़ लिया कि दोनों एक दूसरे का पर्याय बन गये। बांसुरी के साथ हरि प्रसाद चौरसिया, तबले के साथ उस्ताद अल्लाह रक्खा खां और उनके पुत्र उस्ताद जाकिर हुसैन, सितार के साथ पंडित रविशंकर और शहनाई के साथ उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की बात करें तो वह अपने फन के इस कदर माहिर थे कि उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया। इतिहास में 21 […]


