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शासकीय प्राथमिक शाला खट्टी में मनाया गया भारतीय महिला दिवस

० महिला शक्तियों का किया ग़या सम्मान ,सावित्री बाई फूले के जन्म दिवस पर हुआ आयोजन

 

गरियाबंद। आज शासकीय प्राथमिक शाला खट्टी में देश की प्रथम महिला शिक्षक सावित्री बाई फूले का जन्म दिवस भारतीय महिला दिवस के रूप मनाया गया, इस अवसर पर शाला परिवार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ,आंगनबाड़ी सहायिका एवं मध्यान्ह भोजन रसोइया जनों का सम्मान श्रीफल भेंट कर तथा तिलक लगाकर किया ग़या.

देश की प्रथम महिला शिक्षक सावित्री बाईं फूले के जन्म दिवस 3 जनवरी को शासकीय प्राथमिक शाला खट्टी में भारतीय महिला दिवस मनाया गया, इस अवसर पर संस्था के प्रभारी प्रधान पाठक गिरीश शर्मा ने सावित्री बाईं फूले के बारे मे विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया की सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था।सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया. 5 सितंबर 1848 में उन्होंने महिलाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। एक वर्ष में सावित्रीबाई और महात्मा फुले पाँच नये विद्यालय खोलने में सफल हुए। तत्कालीन सरकार ने इन्हे सम्मानित भी किया। एक महिला प्रिंसिपल के लिये सन् 1848 में बालिका विद्यालय चलाना कितना मुश्किल रहा होगा, इसकी कल्पना शायद आज भी नहीं की जा सकती। सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ खुद पढ़ीं, बल्कि दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया।सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं। अपने पथ पर चलते रहने की प्रेरणा बहुत अच्छे से देती हैं।शिक्षा के क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले ने बहुत बड़ा योगदान है।

आज इन्हीं की बदौलत महिलाएं सम्मान से जीवन व्यतीत कर रही है।कार्यक्रम में शाला परिवार खट्टी की ओर से प्रभारी प्रधान पाठक गिरीश शर्मा एवं सहायक शिक्षक नारायण चंद्राकर तथा छात्र छात्राओं ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती शिव कुमारी चंद्राकर, आंगनबाड़ी सहायिका नंद कुंवर यादव, मध्यान्ह भोजन रसोइया श्रीमती दीपक बाई ध्रुव एवं श्रीमती मानकी बाईं कमार का सम्मान श्रीफल भेंट कर एवं तिलक लगाकर किया गया. भारतीय महिला दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन नारायण चंद्राकर ने किया.

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