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शेयरों के चुनाव में कभी नहीं होगी परेशानी, इन 6 बातों का रखें ध्यान

सही शेयरों का चुनाव करना कोई आसान काम नहीं है. दरअसल अगर शेयर चुनते वक्त कुछ विशेष बातों पर ध्यान न दिया तो नुकसान उठाना पड़ सकता है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे जिन्हें ध्यान में रखकर आप सही शेयर चुन सकत हैं.

मजबूत शेयर (जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा हो) के साथ जुड़ा रहना फायदे का सौदा है. कम ट्रेड किए जाने वाले शेयरों में नकली तेजी लाई जा सकती है. बड़े शेयरों में इसकी गुंजाइश अधिक नहीं होती है.

शेयर चुनते वक्त कभी भी इधर-उधर की सलाह जैसे फोन और एसएमएस पर मिलने वाली हॉट टिप्‍स पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना चाहिए. इसी तरह टीवी पर कोई बढ़िया चर्चा देखकर पैसा लगाने का फैसला नहीं करें. शेयर खरीदने से पहले कंपनी की अर्निंग ग्रोथ, मैनेजमेंट क्‍वालिटी और बैलेंसशीट पर ध्यान देना चाहिए. इन तीन बिंदुओं पर मजबूत कंपनी में नुकसान के आसार कम होंगे.

केवल यह देखकर कि शेयर ऊपर जा रहे हैं अंधाधुंध पैसा नहीं लगना चाहिए. बल्कि तेजी के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करनी चाहिए. अगर यह तेजी कंपनी की बुनियादी बातों से मेल नहीं खा रही है तो उससे दूर रहने में ही भलाई है.

ब्रोकरों की सलाह आंख मूंदकर न मानें. इसमें उसका निजी हित जुड़ा हो सकता है. तमाम उपलब्‍ध संसाधनों से क्रॉस चेक जरूर करें नहीं नुकसान उठाना पड़ सकता है.

एक स्टॉप लॉस जरुर रखें जैसे ही कोई शेयर इसे पार करे तो तुरंत फैसला लें. जैसे कि अगर कोई शेयर अपने खरीद मूल्‍य से 20 फीसदी नीचे चला जाए तो उसे बेचने में ही समझदारी है. नुकसान वाले शेयर को यह सोचकर लंबे वक्‍त तक रखना और यह इंतजार करना कि यह एक दिन बढ़ेगा गलत रणनीति है.

कंपनी के दावों की असलियत का पता करने के लिए खुद रिसर्च करें. यह पता करें कि कंपनी को वास्‍तव में प्रॉफिट हुआ है या नहीं. या फिर उसने नए ऑर्डर पाने का जो दावा किया है, वह कितना सही है.

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