दुर्ग। देश की राजधानी दिल्ली में इस वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ के प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक और लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय 9 वीं बार नजर आएंगे. इस बार रिखी क्षत्रिय देश के तीन प्रमुख आदिवासीय राज्यों के कलाकारों का नेतृत्व करते दिखाई देगें इस संबंध में रिखी क्षत्रिय को केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्रालय की ओर से औपचारिक पत्र मिल चुका है और रिखी क्षत्रिय और उनके कलाकार नई दिल्ली रवाना हो चुके है.
इस वर्ष छत्तीसगढ़ शासन की झांकी राजपथ में नजर नहीं आएगी क्योंकि मिलेट मिशन पर आधारित छत्तीसगढ़ की झांकी को चयन समिति ने अनुमति नहीं दी थी. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक कलाकार व लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय के तीन राज्यों के प्रतिनिधित्व का सम्मान देते हुए विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है.
राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति के आयुक्त असित गोपाल की ओर से रिखी क्षत्रिय और उनके समूह को इस संदर्भ में औपचारिक पत्र मिल चुका है. रिखी क्षत्रिय ने बताया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनजाति कार्य मंत्रालय की झांकी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का चयन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने किया है.आदिवासी लोक नृत्य का प्रदर्शन करने के लिए 12 जनवरी से 28 जनवरी तक राष्ट्रीय रंगशाला कैंप केंद्रीय विद्यालय 2 के निकट जीपीएस कॉलोनी नई दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में उन्हें शामिल किया गया है. रिखी ने बताया कि इस झांकी में छत्तीसगढ़,झारखंड और ओडिशा से 10 महिला एवं 12 पुरुष सहित कुल 22 कलाकारों को शामिल किया जा रहा है. इस समूह के नेतृत्वकर्ता के तौर पर रिखी क्षत्रिय का चयन किया गया है.
भिलाई स्टील प्लांट से सेवानिवृत्त रिखी क्षत्रिय छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं संस्कृति के प्रति बचपन से ही समर्पित रहे हैं. वह विगत चार दशक से छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच कर दुर्लभ वाद्य यंत्रों का संग्रह कर रहे हैं. उनके इस संग्रह को विगत दो दशक में देश के सभी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सहित कई विशिष्ट अतिथि गण देख चुके और सराहना भी कर चुके हैं. वही रिखी क्षत्रिय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भेजी जाने वाली गणतंत्र दिवस की झांकी विगत दो दशक में 8 बार नेतृत्व कर चुके हैं. इस वर्ष 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह में रिखी क्षत्रिय के लिए 9 वी बार अवसर होगा जब वह राजपथ पर फिर एक बार दिखाई देगें।