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कांग्रेस के सीनियर नेता संतोख सिंह चौधरी का निधन,भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आया था दिल का दौरा

नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेता संतोख सिंह चौधरी का आज निधन हो गया। चौधरी शनिवार को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे. इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें तुरंत विर्क अस्पताल ले जाया गया. लेकिन बचाया नहीं जा सका. चौधरी के निधन के बाद भारत जोड़ो यात्रा सस्पेंड कर दी गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेता विर्क अस्पताल पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि यात्रा के दौरान चौधरी हड़बड़हट में अचानक जमीन पर गिर पड़े. उन्हें एंबुलेंस से फिल्लौर के विर्क अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कांग्रेस नेता राणा गुरजीत सिंह और विजय इंदर सिंगला ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है.

चौधरी के निधन पर शोक जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा, ‘संतोख सिंह चौधरी के असामयिक निधन की खबर सुनकर मर्माहत हूं. उनका जाना पार्टी और संगठन के लिए बड़ा नुकसान है. शोक की इस घड़ी में, उनके परिवार, मित्र और समर्थकों के प्रति मेरी शोक संवेदना. दिवंगत आत्मा को शांति मिले.’ वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट किया है कि ‘जालंधर से कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी के असामयिक निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें.’ चौधरी के निधन पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी शोक जताया है.

संतोख सिंह चौधरी को जानिए –
बता दें कि संतोख सिंह चौधरी पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और जालंधर लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे. चौधरी संतोख सिंह ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. संतोख सिंह चौधरी पंजाब कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे. साल 2004 से लेकर 2010 तक वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्‍यक्ष रहे. 2002 में फिल्लौर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर पंजाब विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे.

इसके बाद मई 2014 में संतोख सिंह चौधरी 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए. इसके साथ ही वह अगस्त 2014 से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य थे. 2014 से सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी स्थायी समिति, शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के सदस्य भी रहे.

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