बसपा अगले साल होने जा रहे चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में किसी से गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। अपने जन्मदिन के अवसर पर मायावती ने मीडिया से ये बातें कही। उन्होंने कहा कि यदि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा यह सारा खेल ईवीएम की गड़बड़ी का है।
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर मायावती रविवार को मीडियाकर्मियों से बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि जातिवादी और संकीर्ण ताकतें साम दाम दंड भेद से बसपा को दूर करने में जुटी हैं । ग्लोबल समिट के नाम पर यह जो निवेश आ रहा है यह केवल भाजपा की खराब नीतियों पर पर्दा डालने की नाटक बाजी है। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में लोगों को उजाड़ा जा रहा है कानून व्यवस्था की आड़ में घिनौना खेल खेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब ओबीसी आरक्षण पर भी भाजपा कांग्रेस सपा की राह पर चल निकली है । यही कारण रहा कि निकाय चुनाव प्रभावित हुआ ।इस मौके पर मायावती ने मेरे संघर्ष में जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 18 का भी विमोचन किया । उन्होंने खासतौर से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने पर जोर दिया। कहा कि जब-जब बैलेट से चुनाव हुआ बसपा का जनाधार बढ़। ईवीएम आने के बाद ही यह गड़बड़ी हुई। उन्होंने कहा कि बसपा के युवा तैयार हो जाए एक न एक दिन सिस्टम भी फेल होगा। जिन जिन देशों में बैलेट पेपर से पहले चुनाव होता था दोबारा उसी से शुरू कर दिया गया है ।
बाबा साहब ने नहीं चलाई मनुस्मृति
बिहार के एक मंत्री के इस बयान पर कि बाबा साहब अंबेडकर ने ही मनुस्मृति शुरू की थी पर मायावती ने कहा यह बात तो बिल्कुल साफ है कि बाबा साहब अंबेडकर ने मनुस्मृति नहीं चलाई । हालांकि मंत्री ने यह बात किस परिपेक्ष में कही है इसका उन्हें पता नहीं है