देश में सार्वजनिक क्षेत्र की पहली एनबीएफसी इंडियन रेल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 18 जनवरी को खुलेगा. आईपीओ का प्राइस बैंड 25-26 रुपये रखा गया है.
आईआरएफसी ने इसके जरिये 4633 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. प्राइस बैंड पर अपर एंड के तहत आईआरएफसी 4633 करोड़ रुपये जुटाएगी वहीं लोअर एंड पर यह 4455 करोड़ रुपये जुटाएगी. आईपीओ का 60 फीसदी क्यूआईबी के लिए रिजर्व होगा ताकि निवेशकों में इस आईपीओ के प्रति विश्वास बन सके. यह पहली बार है, जब कोई सार्वजनिक उपक्रम एंकर-इनवेस्टर रूट का इस्तेमाल कर रहा है. ग्रे मार्केट में आईआरएफसी के शेयर इश्यू प्राइस से 1.60 रुपये प्रीमियम पर बिकते दिख रहे हैं.
आईपीओ का 50 फीसदी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर यानी QIB के लिए रिजर्व रखा गया है. 15 फीसदी नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए सुरक्षित रखा गया है. और बाकी 35 फीसदी रिटेल निवेशकों के लिए सुरक्षित है. अप्रैल 2017 में केंद्र सरकार ने पांच रेलवे कंपनियों की लिस्टिंग की अनुमति दी थी. इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड. राइट्स लिमिटेड, रेल विकास निगम लिमिटेड और आईआरसीटीसी पहले ही लिस्ट हो चुकी है.आईआरसीटीसी के शेयर अक्टूबर 2019 में लिस्ट हुए थे. वहीं रेल विकास निगम लिमिटेड शेयर अप्रैल में लिस्ट हुए थे. जबकि इरकॉन के शेयर 2018 में लिस्ट हुए थे. उस समय इसका आईपीओ 18 फीसदी डिस्काउंट पर सब्सक्राइव हुआ था . आईआरएफसी पांचवीं रेलवे कंपनी है, जिसका आईपीओ आ रहा है.
विश्लेषकों का कहना है कि आईआरएफसी का बिजनेस मॉडल खास है इसलिए इसकी वैल्यूएशन की तुलना दूसरे पैमानों पर नहीं की जा सकती. हालांकि इसके वित्तीय नतीजों और संभावना को देखते हुए लगता है कि यह आईपीओ अंडर वैल्यूड है. अगर रेल मंत्रालय कंपनी से जुड़े किसी नीतिगत फैसलों में कोई बदलाव करता है तो इसके मुनाफे पर असर पड़ सकता है.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आईआरएफसी का इश्यू प्राइस आकर्षक है. हालांकि आईआरएफसी के आईपीओ का टकराव इंडिगो पेंट्स से हो सकता है फिर भी हाल के दिनों में आए आईपीओ की तरह निवेशकों के बीच इसकी भी मांग देखी जा सकती है. ज्यादा ब्रोकरेज ने इसे सब्सक्राइव करने की सिफारिश की है.