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एनआरडीए की बदहाली पर सरकार और भाजपा आमने-सामने

नवा रायपुर के हालत के लिए डॉ. रमन सिंह जिम्मेदार-अकबर, सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन और कर्ज लो, घी पियो की आदत से विधानसभा, मंत्रालय, चौक-चौराहों के साथ छत्तीसगढ़ महतारी गिरवी हो जाएंगी- डॉ. रमन

रायपुर।  नवा रायपुर विकास प्राधिकरण की बदहाली को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने एनआरडीए की माली हालत ख़राब होने के लिए पूर्ववर्ती रमन सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीँ विपक्ष सरकार को घेर को घेर रहा है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री  मोहम्मद अकबर का कहना  है कि मांग के आकलन एवं सर्वे किए बगैर निवेश करने तथा अत्याधिक लागत में निर्माण कराने के पूर्व सरकार के निर्णय के कारण एनआरडीए बदहाल हुई है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह से पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ही जिम्मेदार है।इसके उलट पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को लिखा, आज बैंक नवा रायपुर की संपत्तियों पर कब्जा ले रहा है। कल छत्तीसगढ़ महतारी भी गिरवी हो जाएंगी।

डॉ. रमन सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लिखा, ये है गर्त में जाता कांग्रेस का “छत्तीसगढ़ मॉडल’। आज कर्ज न चुकाने पर बैंक नवा रायपुर की सरकारी संपत्तियों को कब्जे में ले रहा है। कल सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन और कर्ज लो, घी पियो की आदत से विधानसभा, मंत्रालय, चौक-चौराहों के साथ छत्तीसगढ़ महतारी गिरवी हो जाएंगी। मोहम्मद अकबर ने बताया कि उक्त रिटेल काम्पलेक्स की निर्माण लागत 262.31 करोड़ है। निर्माण की लागत अत्याधिक होने से रिटेल काम्पलेक्स की  9425 प्रति वर्ग फुट की दर रायपुर नगर के श्याम प्लाजा पण्डरी, मैग्नेटो माल तेलीबांधा एवं अन्य उपलब्ध बिल्टअप की दर से भी अधिक है। श्री अकबर ने जानकारी दी कि जब उक्त रिटेल काम्पलेक्स के भवन का निर्माण किया गया तब मार्केेट में इस परियोजना एवं इसकी मांग से संबंधित किसी भी प्रकार का सर्वे/आकलन आदि नहीं किया गया था। रियल इस्टेट में मंदी होने एवं नवा रायपुर में उक्त दर पर मांग न होने से परियोजना का समय सीमा में विक्रय होना संभव नहीं हो पाया।

पूर्व मंत्री और कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने  लिखा, छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति इन 3 वर्षों में इतनी खराब हो गई है कि उसे देखकर ऐसा लगता है कि कहीं कांग्रेसी पूरे छत्तीसगढ़ को ही गिरवी मत रख दें! जैसे श्रीलंका के एक बंदरगाह पर कर्ज के कारण चीन ने कब्जा कर लिया!

कांग्रेस बोली, यह रमन सिंह की कारगुजारियाें का नतीजा

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है, यह डॉ. रमन सिंह की कारगुजारियों  का ही नतीजा है। नवा रायपुर की बसाहट का औचित्य छत्तीसगढ़ की जनता अब तक नहीं समझ पाई है। उस शहर के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने अनाप-शनाप कर्ज लिया। यह 14 हजार करोड़ का अनुत्पादक कर्ज किसी सरकार के लिए भारी है। अभी हमें उसका रीपेमेंट भी करना पड़ रहा है और ब्याज भी अदा करना पड़ रहा है। ऊपर से भाजपा की केंद्र सरकार हमारा 32 हजार करोड़ रुपया रोककर बैठी है। रमन सिंह को इतनी चिंता है तो केंद्र सरकार से बकाया पैसा दिलवाएं।

कर्ज का यह विवाद क्या है

दरअसल यूनिअन बैंक ने NRDA को 2 अगस्त 2021 को एक डिमांड नोटिस जारी किया था। इसके जरिए बैंक ने 317 करोड़ 79 लाख 62 हजार 793 रुपयों के साथ ब्याज और कानूनी शुल्क आदि देने की मांग हुई थी। यह राशि चुकाने के लिए बैंक ने 60 दिनों का समय दिया था। रकम नहीं मिली तो बैंक ने 12 जनवरी को नवा रायपुर के कयाबांधा और बरोडा गांव की 2.659 हैक्टेयर जमीन को अपने कब्जे में ले लिया।

राज्य सरकार पर भी भारी कर्ज का बोझ

विधानसभा में दी गई एक जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने भी पिछले तीन साल में 51 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज लिया है। अब सरकार पर ऋण भार अनुमानित राजस्व आय का 106% हो गया है। मतलब, जितनी आय संभावित है उससे कहीं अधिक कर्ज है। बजट 2021-22 के मुताबिक प्रदेश में 79 हजार 325 करोड़ रुपए की कुल राजस्व प्राप्तियां अनुमानित हैं। कर्ज की यह मात्रा छत्तीसगढ़ के सकल घरेलू उत्पाद का 22% होता है। पूर्ववर्ती सरकार भी 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ा था।

 

 

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