महाराष्ट्र : देश को कोरोना वैक्सीन देने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के लिए बुरी खबर है. पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के टर्मिनल गेट 1 के अंदर एसईजेड 3 बिल्डिंग की चौथी और पांचवीं मंजिल पर आग लगी है. मौके पर दमकल की 10 गाड़ियां पहुंच चुकी है.
खबर है कि दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में जहां कोरोना की वैक्सीन तैयार की जा रही है वो जगह पूरी तरह सुरक्षित है. बातचीत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया है कि यह आग एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में लगी है और इससे वैक्सीन निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ा है.
वहीं, पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने बताया है कि हमें 2:45 बजे सीरम इंस्टीट्यूट की एक इमारत में आग लगने की सूचना मिली. पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंची. सभी लोगों को निकाल लिया गया है. 1 घंटे में आग बुझा दी जाएगी. इस इमारत में वैक्सीन का प्लांट या भंडारण नहीं किया जा रहा था.
सीरम इंस्टीट्यूट के सीइओ अदार पूनावाला ने कहा,” आपकी चिंता और प्रार्थनाओं के लिए सभी को धन्यवाद. आग लगने से किसी की जान नहीं गई है और न कोई घायल हुआ है. कुछ मंजिलों को नुकसान पहुंचा है.”
बता दें कि हाल ही में वैक्सीन बनने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में जश्न का माहौल रहा. कर्मचारियों ने साथ इकट्ठा होकर तस्वीरें खिंचवाई, जश्न मनाया. इसमें सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदर पूनावाला भी मौजूद रहे. पूनावाला ने बातचीत की और वैक्सीन को लेकर आगे की प्लानिंग बताई.
वैक्सीन की डिस्ट्रीब्यूशन की प्लानिंग पर पूनावाला ने बताया था कि असली चरण अब शुरू होने वाला है. टीम ने मेहनत करके वैक्सीन तो बना ली है, परमिशन भी पा ली है, अब चैलेंज है कि पूरे देश के इसे लोगों तक पहुंचाना है. पूनावाला ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी कंपनी सरकार के संग मिलकर यह प्राथमिकता तय कर रही है कि पहले हेल्थ केयर वर्कर, उम्रदराज लोगों और बीमारियों से ग्रसित लोगों को वैक्सीन दी जाए.
वहीं अब सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोरोना वायरस के खिलाफ चार और वैक्सीन पर काम कर रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने यह जानकारी दी. जाधव ने एक वेबिनार में बताया कि कंपनी कोविशील्ड समेत कोरोना वायरस के पांच टीके पर काम कर रही है. कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है और टीकाकरण अभियान में यह वैक्सीन लगाई भी जा रही है. जाधव ने बताया कि तीन वैक्सीन क्लीनिकल अध्ययन की विभिन्न चरणों में हैं, जबकि एक वैक्सीन अभी ट्रायल के प्री-क्लीनिकल चरण में है.