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कही-सुनी ( 29 JAN-23): चुनावी साल में भूपेश बघेल का छक्का

रवि भोई की कलम से

चुनावी साल में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के मौके पर नए वित्तीय वर्ष से राज्य के बेरोजगारों को भत्ता देने का ऐलान कर एक और छक्का मार दिया। बेरोजगारी भत्ते के दांव से राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेताओं को सांप सूंघ गया है। बेरोजगारी भत्ते को लेकर वादा खिलाफी का राग अलापने वाले भाजपा नेताओं की बोलती बंद हो गई है। भाजपा के नेता इस मामले में लेटलतीफी की बात जरूर कर रहे हैं, लेकिन चुनाव के पहले सरकार पर हमले का एक अस्त्र छिन जाने का दुख उन्हें जरूर सता रहा है। चर्चा है कि भूपेश बघेल अगले वित्तीय वर्ष से राज्य में शराबबंदी का ऐलान कर सबको चौंका सकते हैं। चुनावी वादे के मुताबिक़ राज्य में शराबबंदी लागू नहीं करने पर भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार पर हमला करते रहते हैं। खबर है कि मुख्यमंत्री चुनाव के पहले भाजपा के और कई मुद्दे छिन लेने वाले हैं। भूपेश बघेल ने चार साल में भाजपा से गाय-गोबर और राम का मुद्दा किसी न किसी तरह से झटक लिया है। कहते हैं भाजपा कथा और प्रवचन के जरिए लोगों को जोड़ने के काम में लगी है। राज्य में विधानसभा चुनाव को आठ-नौ महीने बचे हैं , ऐसे में राजनीतिक दल जनता को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे। यह तो साफ़ है कि चुनाव जीतने के लिए सरकार घोषणाओं का तीर छोड़ेगी और विपक्ष धरना -प्रदर्शन का गदा चलाएगा।

अगले हफ्ते आईएएस अफसरों की एक और लिस्ट

माना जा रहा है कि अगले हफ्ते आईएएस अफसरों की एक और लिस्ट जारी होगी। आबकारी आयुक्त निरंजन दास 31 जनवरी को रिटायर होने वाले हैं। इसके अलावा 2007 बैच के आईएएस अफसरों का सचिव के रूप में प्रमोशन आदेश भी जारी हो जाएगा। प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे 2007 बैच के आईएएस बसवराजू एस. को सरकार ने अभी कहीं पोस्टिंग नहीं दी है , जबकि वे 16 जनवरी को ज्वाइनिंग दे चुके हैं। अब देखते हैं कि नए आबकारी आयुक्त के तौर पर किसकी पोस्टिंग होती है। वैसे नए आबकारी आयुक्त के लिए कई अफसरों के नाम चर्चा में है।

टीएस से जुड़े लोगों का वैराग्य

कहा जा रहा है स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता टी एस सिंहदेव से जुड़े लोगों में वैराग्य का भाव जागने लगा है। करीब तीन महीने पहले सरगुजा इलाके के एक नेता ने टी एस सिंहदेव के पक्ष में गाना-बजाना कर कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। अब बस्तर जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है। कहते हैं बस्तर जिला महिला कांग्रेस की अध्यक्ष कमल झज्ज टी एस सिंहदेव की समर्थक हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी जगजाहिर है। अब देखते हैं चुनावी साल में कितने टीएस समर्थकों का मन डोलता है।

मुख्यधारा में जनक पाठक

2007 बैच के आईएएस जनक पाठक को सरकार ने अबकी बार आवास और पर्यावरण विभाग का विशेष सचिव स्वतंत्र रूप से बनाया है। आवास और पर्यावरण विभाग को सरकार का अहम विभाग माना जाता है। अब तक आवास और पर्यावरण विभाग का प्रभार एसीएस सुब्रत साहू के पास था। कुछ महीनों के भीतर जनक पाठक की यह तीसरी पोस्टिंग है। कुछ महीने पहले जनक पाठक को विशेष सचिव राजस्व और जल संसाधन से हटाकर पंजीयक सहकारी संस्थाएं और संचालक खाद्य बनाया गया था , फिर कुछ ही दिनों बाद पंजीयक सहकारी संस्थाएं का प्रभार वापस लेकर विशेष सचिव वन बना दिया गया। अब वे वन और आवास और पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव होंगे।

सदानंद कुमार पुरस्कृत

2010 बैच के आईपीएस सदानंद कुमार को सरकार ने रायगढ़ का एसपी बनाया है। पिछले दिनों नारायणपुर एसपी रहते जान की बाजी लगाकर उपद्रव को शांत करने के एवज में रायगढ़ पोस्टिंग को पुरस्कार माना जा रहा है। नारायणपुर में दो गुटों में झगड़े में अप्रिय स्थिति को टालने के प्रयास में सदानंद कुमार घायल हो गए थे। रायगढ़ बड़ा जिला होने के साथ औद्योगिक नगरी भी है। 2011 बैच के आईपीएस संतोष सिंह को भी बिलासपुर जैसा बड़ा जिला मिल गया। बिलासपुर में पिछले कुछ समय से कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है , ऐसे में उनके लिए यहां बड़ी चुनौतियां भी हैं । 2010 बैच के आईपीएस अभिषेक मीणा को रायगढ़ की जगह राजनांदगांव भेजा गया है। राजनांदगांव पुराना जिला है, लेकिन मोहला-मानपुर और खैरागढ़ जिला बन जाने से राजनांदगांव का क्षेत्रफल काफी कम रह गया है।

क्या नारायण चंदेल इस्तीफा देंगे ?

कहा जा रहा है कि बेटे के दुष्कर्म के मामले में उलझने के बाद नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल बड़े राजनीतिक संकट में फंस गए हैं। यह ऐसा मामला है जिसमें पार्टी भी खुलकर उनका साथ नहीं दे सकती। इस घटना से नारायण चंदेल का राजनीतिक ग्राफ भी काफी गिर गया है। चर्चा है कि कहीं नारायण चंदेल नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा न दे दें। कहते हैं कुछ लोग उन पर नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने का दबाव भी बना रहे हैं। अब देखते हैं क्या होता है ? जब नंदकुमार साय नेता प्रतिपक्ष थे, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने उनकी बेटी को कांग्रेस में शामिल कर लिया था। तब रायपुर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक चल रही थी। बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता हिस्सा ले रहे थे।

रानू साहू के बुरे दिन

कहते हैं सरकार ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल से विवाद के चलते आईएएस रानू साहू को कोरबा से हटाकर रायगढ़ का कलेक्टर बनाया था , पर ईडी का भूत उन्हें रायगढ़ में ज्यादा दिन रहने नहीं दिया। वैसे तो रानू साहू कांकेर और बालोद की कलेक्टर रह चुकी हैं , लेकिन कोरबा और रायगढ़ की कलेक्टरी के अलग ही मजे हैं। दोनों बड़े जिले होने के साथ औद्योगिक नगरी भी हैं। जिला खनिज निधि में फंड भी ज्यादा है। कलेक्टरी की भरपाई के लिए सरकार ने उन्हें दो पद दिए हैं। वे संचालक कृषि के साथ मंडी बोर्ड की प्रबंध संचालक भी होंगी। अब देखते हैं रायपुर में ईडी का पीछा छूटता है या नहीं ।

पी एस एल्मा की लगी लाटरी

सरकार ने 2010 बैच के आईएएस पदुमसिंह एल्मा को बेमेतरा का कलेक्टर बनाया है। 19 दिसंबर को धमतरी के कलेक्टर पद से हटाकर उन्हें मंडी बोर्ड का प्रबंध संचालक बनाया गया था । करीब सवा महीने बाद फिर उनकी लाटरी लग गई। पी एस एल्मा नारायणपुर और मुंगेली के भी कलेक्टर रह चुके हैं। बेमेतरा उनका चौथा जिला है। बेमेतरा कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला को फ़ूड डायरेक्टर बनाया गया है। जांजगीर-चांपा जिले से कलेक्टरी शुरू करने वाले जितेंद्र शुक्ला बेमेतरा होते हुए डायरेक्ट्रेट आ गए हैं ।

सुब्रत साहू का राउंड ट्रिप

1992 बैच के आईएएस सुब्रत साहू पिछले सवा चार साल में कई विभागों का प्रभार संभाल और छोड़ चुके हैं। एसीएस सुब्रत साहू के पास मुख्यमंत्री के सचिव के साथ अब पंचायत और ग्रामीण विकास, इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे कुछ विभाग रह गए हैं। सुब्रत साहू गृह और परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, जल संसाधन, पीएचई और ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग देख चुके हैं। वे छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष भी रहे। अभी वे पर्यावरण संरक्षण मंडल के अध्यक्ष हैं। याने सुब्रत साहू बड़े और महत्वपूर्ण विभागों का चक्कर लगा चुके हैं।

लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं। )
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