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वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भारत बना विश्वगुरु, देश के 75 फीसदी व्यस्कों को लगी कोरोना वैक्सीन

रविवार यानी 30 जनवरी को भारत की 75 प्रतिशत वयस्क आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेट हो चुकी है. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के ज़रिए दी जिसको ना केवल भारत सरकार बल्कि देश में हर व्यक्ति एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहा है. प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद दिल्ली के सबसे बड़े कोविड कोविड LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि ये गौरवशाली बात है कि 75 परसेंट वयस्क आबादी वैक्सीनेट हो चुके हैं, जो मेजर पापुलेशन का हिस्सा है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये देखा जाता है कि 60 प्रतिशत जनता अगर वैक्सिनटेड होती है तो कम्युनिटी ट्रांसमिशन में कमी देखने को मिलती है, भारत का वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया के लिए उदाहरण है, कि इतनी बड़ी पापुलेशन को वैक्सीनेट करना बहुत बड़ी चुनौती थी जो भारत ने दुनिया को करके दिखाया है, और इतिहास कायम किया है, भारत दुनिया में वैक्सिनेशन प्रोग्राम में विश्व गुरु बन गया है.

दिल्ली में 100 प्रतिशत व्यस्कों को लगी पहली डोज

दिल्ली में वैक्सिनेशन पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली में 100% वयस्क आबादी को पहली डोज़ लग चुकी है और 80 प्रतिशत को दूसरी भी लग चुकी है. दिल्ली में 6 लाख के करीब 15 से 18 साल के बच्चों को वेक्सीन की पहली डोज़ लग चुकी है, जो हमारे लिए बड़ी कामयाबी है.  इसके साथ ही दिल्ली की कोरोना की ताज़ा स्तिथि के बारे में डॉ सुरेश ने बताया कि अभी कोरोना के केस कम है, दिल्ली में पाजिटिविटी रेट भी घटकर फिलहाल 6.37 पर पहुंच गयी है. नए केस रोजाना 5 हज़ार से कम आ रहे हैं.

रविवार को पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 3,674 नए मामले आए, वहीं पिछले 24 घंटे में 6,954 लोग ठीक होकर घर चले गए. वहीं दिल्ली में फिलहाल 88 तीसरी के करीब कोविड बेड खाली है, दिल्ली में कुल 15,428 बेड कोविड मरीज़ों के लिए आरक्षित है जिनमें से मात्र 1770 बेड ही भरे हुए हैं.

वैक्सीन न लेने वाले मरीजों की हुई मौत

डॉ सुरेश ने अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ों के बारे में बताया कि ज़्यादातर मरीज वो भर्ती हो रहे है, जिनको लंबी बीमारी है, Diolasis के, हृदय रोगी या कैंसर के मरीज है, खास बात ये है कि ज़्यादतर मरीज जो वेक्सिनटेड है उनको भर्ती होने की ज़रूरत नहीं पढ़ रही है, जिन मरीजों की मौत हो रही है उनमें ज़्यादातर लोग वो है जिन्होंने वेक्सीन नहीं ली है या एक ही डोज़ ली है, उनमें भी बुज़ुर्ग है और COPD के मरीज, मल्टी सिम्स्टम फेलियर वाले मरीज है, जिन लोगों को शुगर है उनको भी काफी कोरोना से रिकवर होने में दिक्कत आ रही है.

इसके अलावा एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने कोरोना की नए वेरिएंट के खतरे को लेकर कहा कि NeoCov के बारे में अभी ज़्यादा जानकारी नहीं आयी है, अभी उसके भारत में केस नही है लेकिन निश्चित रूप से हमें अलर्ट रहना होगा.

 

 

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