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मुलायम सिंह यादव का पांव छूकर चर्चा में आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी

संसद के  बजट सत्र के पहले दिन संसद भवन से बाहर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का पांव छूकर केंद्रीय मंत्री स्मृति  ईरानी चर्चा में आ गई है।  अब लोग  इस  ‘मुलायम’ शिष्टाचार  के पीछे  राजनीति तलाश रहे हैं।  दरअसल, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव संसद भवन से बाहर आ रहे थे, तभी उधर से स्मृति ईरानी भी गुजर रही थीं। दोनों नेताओं की मुलाकात हुई, स्मृति ने हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। इसके बाद ईरानी ने मुलायम के पैर छुए। आशीर्वाद के तौर पर मुलायम ने स्मृति के सिर पर हाथ रखा। सियासी गलियारे में इसे दिल्ली से यूपी चुनाव में यादवों को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लगातार यूपी विधानसभा चुनाव में सक्रिय हैं।राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि स्मृति ईरानी मुलायम सिंह से आशीर्वाद लेकर यादव वोट बैंक को साध रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रभा शंकर अस्थाना बताते हैं कि आशीर्वाद की तस्वीर सामने आने का मतलब यह स्पष्ट संदेश देना है कि 2014, 2017 और 2019 में भाजपा के साथ जो यादव वोट बैंक था, वह मुलायम सिंह के सम्मान को देखते हुए भाजपा में बना रहे। सियासत में तस्वीर के बड़े मायने होते हैं। वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं- मुलायम सिंह यादव शुरू से भाजपा और मोदी की तारीफ करते हुए देखे गए हैं। बात 2019 की है, संसद का आखिरी सत्र चल रहा था। बोलने की बारी जब मुलायम सिंह की आई तो उन्होंने PM नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद देकर सभी सदस्यों को चौंका दिया। मुलायम ने कहा था, ‘सदन में जितने माननीय सदस्य हैं, वे सब फिर जीतकर आएं। मैं प्रधानमंत्री जी के बारे में भी कहना चाहता हूं। आपने सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है। मैं आपको बधाई देता हूं। आप फिर प्रधानमंत्री बनें।’

अमेठी से सांसद हैं स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी ने अमेठी पर कब्जा करने के लिए खूब मेहनत की थी। 2014 में राहुल गांधी से हारने के बाद भी स्मृति ने अमेठी को नहीं छोड़ा। वो यहां आती-जाती रहीं। 2019 में राहुल गांधी को हराकर अमेठी की सांसद बनीं। इसके साथ ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह मिल गई।

अमेठी में कौन है मजबूत ?

अमेठी को गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता रहा है। संसदीय सीट पर तो गांधी परिवार का कब्जा 2014 तक रहा, लेकिन विधानसभा सीटों पर पकड़ कम होती गई। यहां सपा, बसपा और भाजपा को जीत मिलती रही है। 2017 में कांग्रेस यहां जीरो हो गई है। जबकि भाजपा को 3 सीट और सपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई है।

अपर्णा ने भाजपा जॉइन कर ससुर मुलायम के छुए थे पैर

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने 19 जनवरी को भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद जब वह पहली बार ससुर मुलायम सिंह यादव से मिलीं तो उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। बदले में मुलायम सिंह ने अपर्णा को मिठाई खिलाई थी।

अपर्णा ने खुद ही सोशल मीडिया पर ये तस्वीर शेयर की थी। उन्होंने लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के पश्चात लखनऊ आने पर पिताजी/नेताजी से आशीर्वाद लिया’। इसे इशारों में अखिलेश यादव को जवाब भी माना जा रहा है। अपर्णा के भाजपा में जाने के बाद अखिलेश यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने अपर्णा को समझाया था, लेकिन वह नहीं मानीं। हालांकि अपर्णा यादव ने कहा था कि वह नेताजी और बड़ों का आशीर्वाद लेकर आई हैं।

 

 

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