बजट में गोल्ड पर ढाई फीसदी की ड्यूटी कटौती के बाद इसके दाम दबाव में हैं. पिछले तीन दिन से स्पॉट मार्केट में यह गिरावट की राह पर है. बजट के बाद गोल्ड में प्रति दस ग्राम 2500 रुपये की गिरावट आ चुकी है. विश्लेषकों का मानना है कि बॉन्ड यील्ड में बढ़त और अमेरिका में राहत पैकेज के आने के बाद इसमें और गिरावट आएगी. इसका असर घरेलू मार्केट पर पड़ना तय है.यानी सोना अभी और नीचे जाएगा. जो लोग गोल्ड खरीदने वाले हैं वे इस बात के इंतजार में इसके दाम और नीचे जाएं तो खरीदा जाए. लेकिन सवाल यह है कि कब तक इंतजार करें?
विश्लेषकों का कहना है कि देश में कोरोना वैक्सीनेशन में रफ्तार आ चुकी है और इंटरनेशनल मार्केट में डॉलर की मजबूती बढ़ रही है. यहां से अब गोल्ड के दाम में ज्यादा मजबूती की उम्मीद बनती नहीं दिख रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड को 1770 डॉलर प्रति औंस पर सपोर्ट मिल सकता है, जबकि भारतीय मार्केट में 46,800 का टारगेट हना चाहिए. अगर गोल्ड ने यह टारगेट हासिल कर लिया तो यह 46 हजार रुपये प्रति दस ग्राम पर आ सकता है. अगर गोल्ड में यहां से कोई रिकवरी होती है तो अधिकतम यह 48,200 रुपये प्रति दस ग्राम तक जा सकता है.
गोल्ड में डिमांड बढ़ी है और यह प्री-कोविड लेवल को पार कर गई है. लेकिन सरकार की ओर से टैक्स कटौती के बाद फिजिकल गोल्ड की कीमत में तुरंत बढ़ोतरी नहीं हुई है. गोल्ड की मांग के लिहाज से 2020 सबसे खराब साल रहा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक 2019 में भारत में गोल्ड की डिमांड 690.4 टन थी लेकिन 2020 में घट कर 446 टन पर आ गई. महंगे गोल्ड की वजह से आम ग्राहकों ने इससे दूरी बनाए रखी. विश्लेषकों का मानना है कि यह समय गोल्ड खरीदने के लिए बिल्कुल मुफीद है. अगर गोल्ड 46 हजार के लेवल पर आता है तो तुरंत खरीदारी करना चाहिए क्योंकि इससे नीचे जाने की निकट भविष्य में कोई उम्मीद नहीं दिखती.