नई दिल्ली।उद्योगपति गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले कारोबारी समूह ‘हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट’ की जांच का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चूका है। सुप्रीम कोर्ट के लिए शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में समिति का गठन करने के वास्ते केंद्र को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की एक पीठ से मामले को तुरंत सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि उनकी याचिका पर मामले में दर्ज अन्य याचिकाओं के साथ शुक्रवार को सुनवाई की जाए।
अधिवक्ता तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में बड़े कारोबारी घरानों को दिए गए 500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण के लिए मंजूरी नीति की निगरानी को लेकर एक विशेष समिति गठित करने के बारे में भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत में पिछले हफ्ते वकील एम. एल. शर्मा ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अडाणी समूह के शेयर के मूल्य को ‘‘कृत्रिम तरीके” से गिराने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।
क्या है मामला ?
‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। अडाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।