० राकेश टिकैत ने कोंडागांव डॉ राजाराम त्रिपाठी से की मुलाकात, बस्तर,छग व देश के किसानों के मुद्दों पर हुई चर्चा,बनी रणनीति
० राकेश टिकैत भी करेंगे ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च की खेती, जुड़ेंगे मां दंतेश्वरी हर्बल समूह से
० एमएसपी-गारंटी कानून के मुद्दे पर सभी किसान संगठन एकजुट: डॉ त्रिपाठी
० एमएसपी नहीं तो वोट नहीं” नारा देश भर में पकड़ रहा जोर: डॉ राजाराम त्रिपाठी
कोंडागांव। आज देश के किसान नेता राकेश टिकैत कोंडागांव पहुंचे, तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी से भेंट की। उनके साथ भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन तथा भाकियू छत्तीसगढ़ प्रभारी प्रवीर श्योकंद तथा की प्रमुख स्थानीय किसान नेता शामिल थे। राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर के किसान नेताओं की यह बैठक ” मां दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट के बईठका-हाल में संपन्न हुई। इस बैठक में बस्तर के किसानों की जल जंगल जमीन सहित अंचल के किसानों की अन्य प्रमुख समस्याओं के साथ ही देश के कृषि एवं किसानों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कोंडागांव में ” मां दंतेश्वरी हर्बल समूह ” के द्वारा की जा रही जैविक खेती तथा विशेष रूप से आस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च एवं औषधीय पौधों की खेती की सराहना करते हुए कहा कि मैं पहले भी यहां आकर उनके खेत देख चुका हूं, तथा इससे बहुत प्रभावित हुआ हूं।अब हम भी मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के साथ जुड़ कर अपने खेतों पर भी ऑस्ट्रेलियन टीक और काली मिर्च लगाने जा रहे हैं। दरअसल वर्तमान समय में इस पद्धति की खेती की पूरे देश को जरूरत है। आगे किसान नेता टिकैत ने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो लेकिन सरकारें चुन के आने के बाद वे किसान को ही भूल जाती हैं। वे प्रदेश में पांच दिवसीय दौरे पर हैं, और यहां के किसानों की समस्याओं को समझना चाहते हैं । बैठक के बाद डॉक्टर त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वर्तमान में ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून’ देश के किसानों का सबसे बड़ा मुद्दा है। उल्लेखनीय है कि डॉक्टर त्रिपाठी न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून हेतु बनाए गए 223 किसान संगठनों के, वर्तमान में देश के सबसे बड़े मोर्चे “एमएसपी गारंटी-किसान मोर्चा” के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, जिसके अध्यक्ष वरिष्ठ किसान नेता सरदार वीएम सिंह हैं।
डॉक्टर त्रिपाठी से यह पूछे जाने पर कि आप लोगों में आपस में कई तरह के मतभेद की खबरें भी आती हैं, असल माजरा क्या है ? इस पर डॉक्टर त्रिपाठी ने कहां कि किसानों की एकता को कमजोर करने के लिए दरअसल जानबूझकर ,सोची-समझी योजना के तहत ऐसी भ्रामक खबरें फैलाई जाती है। हकीकत यह है कि देश के किसान संगठनों ने अपनी एकजुटता को पहले भी कई बार साबित किया है, और आगे भी करेंगे।चाहे एमएसपी गारंटी कानून का मुद्दा हो अथवा अन्य कोई किसानों का मुद्दा हो आज भी हम सभी किसान संगठन एकमत तथा एकजुट हैं। राकेश टिकैत ने भी किसान संगठनों की एकता और एकजुटता की पुष्टि करते हुए इस बात पर अपनी मुहर लगाई। बैठक के उपरांत राकेश टिकैत तथा बाहर से पधारे सभी किसान नेताओं का डॉ त्रिपाठी द्वारा अंग वस्त्र, देश के किसानों की लोकप्रिय कृषक-दूत की कृषक डायरी तथा जनजातीय सरोकारों की दिल्ली से प्रकाशित होने वाली राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘ककसाड़’ की नवीनतम प्रति सादर प्रदान कर सम्मान किया गया। किसान नेताओं के सम्मान कार्यक्रम में अनुराग त्रिपाठी, विवेक त्रिपाठी, युवा नेता सनी गिल, कृष्णा नेताम शंकर नाग, जसमती नेताम, मंगल सिंह बघेल, बलाई चक्रवर्ती कृष्ण कुमार पटेरिया, रमेश पांडा समेत प्रगतिशील किसान तथा गणमान्य नागरिक शामिल थे।