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बैंकिंग सेक्टर का आउटलुक ‘स्टेबल’ से बदलकर ‘इंप्रूविंग’ हुआ, लोन ग्रोथ का एस्टीमेट भी जानें

SBI

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (इंडा-रा) (India Rating & Research) ने 2022-23 के लिए भारत के बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) के आउटलुक को ‘स्टेबल’ से बदलकर ‘इंप्रूविंग कर दिया है. रेटिंग एजेंसी का मानना है कि देश के बैंकिंग क्षेत्र को बेहतर ऋण मांग और मजबूत बही-खाते की वजह से मदद मिली है.

10 फीसदी रहेगी लोन ग्रोथ

एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बैंकों की लोन ग्रोथ 10 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (जीएनपीए) अनुपात 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है. इंडिया रेटिंग्स ने कहा, ‘‘हमने अगले वित्त वर्ष के लिए बैंकिंग क्षेत्र के कुल परिदृश्य को स्थिर से सुधरता कर दिया है. इस समय बैंकिंग क्षेत्र की सेहत दशकों में सबसे अच्छी है. बैंकों की सेहत में सुधार 2019-20 में शुरू हुआ था और इसके 2022-23 में भी जारी रहने की उम्मीद है.’’

पीएसयू बैंकों की स्थिति बेहतर

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र के महत्वपूर्ण वित्तीय मानकों में सुधार जारी रहेगा. बैंकों के बही-खाते में सुधार और ऋण मांग बेहतर रहने से बैंकिंग क्षेत्र के परिदृश्य अच्छा हुआ है. इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि के अवसर तलाशेंगे और उन्हें कर्ज की वसूली से लाभ होगा. उनका मुनाफा पिछले छह साल में सबसे ऊंचा है.

बैंकिंग सेक्टर के लिए अच्छे संकेतों का असर

बैंकिंग सेक्टर के लिए अब अच्छे संकेत दिखने लगे हैं और बीते कुछ सालों में बैंकों के एनपीए में कमी आती दिख रही है. इसका असर बैंकिंग सेक्टर के आउटलुक पर देखा जा रहा है और ये पॉजिटिव दिशा में आगे बढ़ रहा है. देश के बैंकों में डिपॉजिट बढ़ रहा है और आरबीआई के ग्रोथ आउटलुक के लक्ष्य को हासिल कर पाने में बैंकों का बड़ा योगदान रहा है.

 

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