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गढबो नवा छत्तीसगढ़ी का संकल्प हो रहा पूरा: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत

० दो दिवसीय पाली महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ समापन

० बालीवुड और छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध कलाकारो ने दी मनमोहक प्रस्तुति

० डाॅ. पूर्णाश्री राउत के भाव भंगिमा युक्त ओड़िसी नृत्य ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

रायपुर।कोरबा जिले में महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय पाली महोत्सव आयोजन किया गया, जिसका समापन 19 फरवरी को हुआ। इस आयोजन में प्रदेश और देश के प्रसिद्ध कलाकारों ने हिस्सा लिया और अपनी शानदार प्रस्तुति दी। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा- यह खुशी की बात है कि केरा झरिया के नए ग्राउंड में पाली महोत्सव का आयोजन हुआ है। इस महोत्सव में उमड़ा लोगों का हुजुम दर्शता है कि यह महोत्सव दिनांें दिन लोकप्रिय हो रहा हैैै। गढ़बो नवा छत्तीसगढ का संकल्प मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पूरा हो रहा है। उन्होंने आने वाले वर्षों में इससे भी भव्य आयोजन होने की आशा जताई। डाॅ. महंत ने राज्य की कला संस्कृति को उजागर करने और प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। विधानसभा अध्यक्ष ने पाली महोत्सव के भव्य और सफल आयोजन के लिए कलेक्टर श्री संजीव झा सहित जिला प्रशासन की पूरी टीम की तारीफ की और सभी को शुभकामनाएं भी दी। इस अवसर पर कोरबा लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत उपस्थित थी।

दो दिवसीय पाली महोत्सव में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध गायक संगीतकार और अभिनेता  नितिन दुबे और प्रसिद्ध पाॅप स्टार हार्डी संधु ने की प्रस्तुति को हजारों दर्शकों से जमकर सराहना मिली। वहीं सिंगर पलक मुच्छल की गानों को सुनकर आमजनों ने खूब आनंद लिया। छत्तीसगढी सुपरस्टार अनुज शर्मा एवं सुश्री आरू साहू के छत्तीसगढ़ी गाना ने भी लोगों का खूब मनोरंजन किया। साथ ही सहदेव दिरदो ने भी अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। दर्शक दीर्घा में बैठे विधायक द्वय मोहित राम केरकेट्टा, पुरुषोत्तम कंवर, कलेक्टर संजीव झा एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण ने सभी कलाकारों की प्रस्तुति को देखा और आनंद लिया।

पाली महोत्सव के अंतिम दिन प्रसिद्ध ओडिसी नर्तक डॉ. श्रीमती पूर्णा श्री राउत ने भगवान जगन्नाथ को समर्पित पूजा गीत को ओडिसी नृत्य के माध्यम से प्रस्तुति दी। उल्लेखनीय है कि देव आराध्य क्लासिकल डांस ओडिसी प्राचीन काल से ओडिसा के मंदिरों में किया जाने वाला प्रसिद्ध नृत्य है। इसके माध्यम से भगवान जगन्नाथ के आराधना को भाव भंगिमा के साथ नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। महोत्सव में शामिल समस्त कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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