भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंत्री नब किशोर दास की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मांग के बीच बुधवार को कहा कि उन्होंने केंद्र से हत्यारे के व्यवहार के संबंध में अमेरिकी जांच एजेंसी ‘एफबीआई ‘ से विश्लेषण कराने को कहा है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा को आश्वासन दिया कि मामले की ओडिशा अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच में पारदर्शिता बरती जा रही है।
दास की हत्या की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग को लेकर सदन में भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों द्वारा हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की लेकिन अध्यक्ष बी के अरुखा ने इसकी अनुमति नहीं दी जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
पटनायक ने कहा, ‘‘हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अमेरिका की एफबीआई (संघीय जांच ब्यूरो) की व्यवहार समर्थन इकाई द्वारा आरोपी के व्यवहार का विश्लेषण कराने का आग्रह किया है।” पटनायक ने यह भी दावा किया कि ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच ठीक से हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि भारत और विदेश के सर्वश्रेष्ठ फॉरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता से मामले की पूर्ण, निष्पक्ष और खुली जांच सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से इस ‘‘अत्यंत संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण किया जा रहा है” उससे उन्हें झटका लगा है। उन्होंने कहा, ‘‘जो निराधार और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें देखकर दुख होता है। स्वतंत्र न्यायपालिका हमारे लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है। उच्च न्यायालय द्वारा मामले की जांच की निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करने के बाद, पूरी पुलिस जांच न्यायिक जांच के अधीन होगी।”
दास (60) की 29 जनवरी की शाम को झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर इलाके के गांधी चौक में एक पुलिसकर्मी द्वारा गोली मारे जाने के कुछ घंटों बाद मौत हो गई थी। यह घटना उस वक्त हुई जब वह एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। विपक्षी दलों के कुछ नेताओं द्वारा पुलिस बल के बारे में दिए गए बयानों पर पटनायक ने कहा, ‘‘मुझे विपक्षी दलों, विशेष रूप से प्रदेश भाजपा पर दया आती है जिनके पास जघन्य अपराधों का राजनीतिकरण करने और पुलिस बल का मनोबल गिराने के अलावा कोई अन्य एजेंडा नहीं है।”