राजेंद्र ठाकुर की रिपोर्ट, राजिम। जिला के फिंगेश्वर, छुरा, गरियाबंद, मैनपुर, देवभोग विकासखंड से बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं अटल घाट के पास बने डोम मे छत्तीसगढ़ी संस्कृति के अलग-अलग रंग बिखेरा। प्रस्तुति देने के लिए छात्रों में जो ललक देखी गई वह तारिफे काबिल थी। छत्तीसगढ़ी वेषभूषा में तैयार हो कर आये इन बच्चों को देखने के लिए पालक भी पहुंचे हुए थे। एक तरह से यह मंच इनकी प्रतिभा को निखारने का वरदान दिखा।
छात्रों का रस्सा खिंच खेल बना आकर्षण
बालक और बालिकाओं का रस्सा खींच प्रतियोगिता सम्पन्न हुआ, जिसमें अलग-अलग स्कूल के छात्रों ने भाग लिया इनमे प्रथम स्थान शा.उ.मा. विद्यालय छुईहा के छात्र नीतिश ध्रुव, मनीष कुमार, तेजेश्वर, ठाकेश्वर, समीर, हुनय, देवेन्द्र, राजू पटेल रहे। द्वितीय स्थान शा. उ.मा. विद्यालय राजिम के छात्र रहे। बालिका वर्ग से प्रथम स्थान हाईस्कूल बासीन के छात्रा डूमेश्वरी साहू, वैष्णवी, ममता, भूमिका, पुष्पा, कुलेश्वरी, टिकेश्वरी, यमुना रही। तृतीय स्थान शा.कन्या उ.मा. विद्यालय राजिम के छात्राओं को मिला।
प्रष्नमंच मे पूछे दानलीला के रचयिता कौन?
प्रश्नमंच प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे सरल से लेकर कठिन प्रश्नों को छात्रों ने सरलता के साथ उत्तर देने के लिए खड़े हो गये। पूछा गया कि छत्तीसगढ़ी दानलीला के रचयिता कौन है? इतने पर एक छात्र ने जवाब दिया कि पं. सुन्दरलाल शर्मा। इसी तरह से बस्तर कि जीवनरेखा नदी का नाम बताईये? उत्तर दिया कि इन्द्रावती। लगातार प्रश्न पुछते गये और बच्चे उत्तर देते गये इससे उनकी सामान्य ज्ञान देखने को मिला। इसमे दो वर्ग थे पहला पूर्व माध्यमिक वर्ग से प्रथम शा. पूर्व मा. शाला दमौवापारा राजिम, मल्टीमूव इंग्लिष मीडियम स्कूल राजिम द्वितीय बालक शाला राजिम एवं तृतीय सरस्वती शिशु मंदिर राजिम रही। हायर सेकेण्डरी वर्ग से प्रथम बालक शाला राजिम, द्वितीय दै.स.हा.से. राजिम, तृतीय सरस्वती शिशु मंदिर राजिम तथा चतुर्थ शा.कन्या विद्यालय राजिम रही।
लोक खेल गोटा में पांचवीं के निशा प्रथम
छत्तीसगढ़ी के लोक खेल गोटा मे प्रथम प्राथ. शाला राजिम के 5वीं के छात्रा निशा सेन रही। द्वितीय स्थान इसी स्कूल के मीनाक्षी पटेल रही। फूगडी मे कक्षा 3री के राजिम की छात्रा माही निषाद ने प्राप्त किया। सेजेश फिंगेश्वर 6वीं के छात्रा अंकिता यादव द्वितीय रही। भौंरा मे पूर्व मा.शाला राजिम के कक्षा 6वीं के छात्र चंदन साहू को प्रथम स्थान मिला। इसी स्कूल के कक्षा 7वीं के छात्र ईष्वर देवांगन द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी तरह से गेंड़ी, मटका फोड, बालिका रस्सी कुद का आयोजन हुआ।
बच्चों ने रोबोटिक कार कार का माॅडल बनाया
कौंदकेरा स्कूल के छात्रों ने शिक्षकों के मार्गदर्शन से स्मार्ट सिटी का माॅडल शानदार बनाये थे। इनके अलावा स्मार्ट फाॅरमिंग माॅडल, पहाड़ी क्षेत्र में दुर्घटना से बचने का माॅडल, स्मार्ट सेनेटाईजर, स्मार्ट डीटेक्टर जैसे अनेक माॅडल दिखाएं। शिक्षक सतीश मालवीय, मीनाक्षी शर्मा ने बताया कि छात्रों ने बहुत मेहनत कर इन्हे बनाया है। लफंदी स्कूल के छात्रों ने हैण्ड सेनिटाईजर, कबाड से जुगाड, मध्यान भोजन सूरक्षा योजना, अंगना म शिक्षा को प्रदर्षित किया। शिक्षिका धनेश्वरी सिंहा, उषा साहू ने बताया कि बच्चों के माताओं को कीचन में खाद्य पदाथों को व्यवस्थित रखने के जानकारी भी दी जा रही है। पसौद स्कूल के षिक्षक अनिल मेघवानी एवं गोपाल कंसारी ने बच्चों द्वारा बनाये रोबोटिक कार के माॅडल्स को चलाकर दिखाया। सचमुच में इसमें उनकी सोच व श्रम दिख रहा था। इनके अलावा अंतरिक्ष सेटेलाईट, डिजीटल डस्टबीन के साथ हस्त लिखित पुस्तकें भी दिखाया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में दिखा नरवा गरवा घुरवा बारी की झलक
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूवात हुई तो संस्कृति के विभिन्न रंग मंच पर दिखे। सामुहिक पंथी नृत्य आदिमजाति कल्याण विभाग छुरा द्वारा प्रस्तुत किया गया। सेजेश स्कूल फिंगेश्वर के हेमलता एवं साथी ने नरवा गरवा घुरवा बारी पर शानदार चित्र प्रस्तुत किया। पढ़ई तुंहर द्वार पर गीत कौंदकेरा के पवन निषाद ने दिया। देश रंग पर छुरा, राजिम नगरी को प्रणाम फिंगेश्वर, छत्तीसगढ़ी सरकार आगे संगी पर छुरा के भूमिका साहू व साथी ने सामुहिक नृत्य प्रस्तुत किया।
अरपा पैरी के धार कन्या शाला राजिम, मोर छंईया भूंईया जय होवे तोर.. पर सेजेश गरियाबंद ने एकल नृत्य किया। सेजेश स्कूल फिंगेश्वर के ईशु साहू, राजिम कन्या शाला, पू.मा.शाला पथर्रा, धवलपुर, रायपुर, पोंड़, नवापारा, धमतरी, हाटकेशर आदि विद्यालय के छात्रों ने एकल एवं सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। हरिहर स्कूल नवापारा के छात्रों ने अखाड़ा प्रदर्षन कर कर्तब दिखाए। यह कार्यक्रम देर शाम तक चलता रहा। कार्यक्रम का संचालन मुन्ना लाल देवदास ने किया। पूरे कार्यक्रम का मार्गदर्शन जिला षिक्षा अधिकारी करमन खटकर, डीएमसी श्याम चंद्राकर, बीईओ चन्द्रशेखर मिश्रा, बीआरसीसी टिकेन्द्र यदु आदि करते रहे।
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