अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस गहरे संकट में फंस गई है. दिसंबर 2020 में इसने 100 करोड़ रुपये के कर्ज का डिफॉल्ट किया है. यह बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक,एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक का कर्जा नहीं लौटा पाई है. अब तक कंपनी पर कर्ज बढ़ कर 4,280 करोड़ रुपये हो गया है. 29 जनवरी, 2021 तक यह स्थिति थी. कर्ज देने वालों रिलायंस होम फाइनेंस का मामला सुलझाने के लिए 7 जून 2019 को एक इंटर क्रेडिटर एग्रीमेंट पर दस्तख्त किए थे. आरबीआई के सर्कुलर में यह जानकारी दी गई है.
रिलायंस होम फाइनेंस ने कहा है कि इसके पास फिलहाल 1000 करोड़ रुपये का कैश है (इसमें कैश, लिक्विड फंड इनवेस्टमेंट और फिक्स्ड डिपोजिट शामिल है.) कंपनी ने कहा है कि उसे कर्ज चुकाने में कानूनी अड़चनें आ रही हैं. पिछले साल दिसंबर तिमाही में कंपनी पर 73.52 करोड़ रुपये का कर्ज था. लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में यह बढ़ कर 339.55 करोड़ रुपये हो गया. रिलायंस होम फाइनेंस की पैरेंट कंपनी रिलायंस कैपिटल अपने नॉन कर्न्विटब्ल डिबेंचर के रीपेमेंट में 49 बार डिफॉल्ट कर चुकी है.
रिलायंस होम फाइनेंस के लिए दिसंबर में कोटक स्पेशल सिचुएशन फंड (केएसएसएफ) और एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) लि. (एआरसीआईएल) समेत छह बोलीदाताओं ने बोलियां लगाई थीं. केवल दो बोलीदाताओं ने नियमों के अनुरूप और बाध्यकारी बोलियां लगाई थीं. जबकि चार बोलीदाताओं की बोलियां बाध्यकारी न होने के साथ साथ शर्तों के मुताबिक नहीं थी. इससे पहले, रिलायंस होम फाइनेंस के कर्जदाताओं ने अंतर-लेनदार समझौते (आईसीए) को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था. अनिल अंबानी प्रमोटेड रिलायंस समूह की कंपनी आरएचएफ को ऋण समाधान प्रक्रिया के तहत छह बोलियां मिली थीं.