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राजिम कुंभ कल्प में 3 मार्च से शुरू होगा विराट संत समागम : तैयारियां पूर्णता की ओर

० डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया से सजा संत समागम क्षेत्र

राजिम। 24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला की भव्यता दिनों दिन बढ़ रही है। वैसे तो राजिम कुंभ माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होता है। इसके अंतर्गत विराट संत-समागम होता है, जिसका उद्घाटन रविवार 3 मार्च से होगा। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर राजिम मेला के संत समागम स्थल पर साधु-सतों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महात्माओं के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया तथा यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है, जिसमें संत महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ सम्पन्न कराया जाता है तथा संत समागम के विशाल मंच से संतो के प्रवचन आशीषवचन के रूप में श्रध्दालुओं को सुनने का पुण्य लाभ मिलता है।

संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए विशाल यज्ञ शाला का निर्माण भी किया गया है। जहां राजिम कुंभ कल्प में पधारें संतो द्वारा नित्य प्रति वैदिक मंत्रोत्चारण से हवन किया जायेगा। रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतो के उद्बोधन आम जनता के लिए रखा गया है। धर्म संसद में धर्म चर्चा के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को मिल सके इसकी भी शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में समुचित बैठक व्यवस्था की गई है। किसी भी आगन्तुक को संतो के दर्शन तथा उनेको अमृतवाणी का पूरा-पूरा लाभ दर्शक दीर्घा से श्रद्धालुगण उठा सके। भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा का द्योतक है। इस िंलहाज से माना जा सकता है कि संत समागम भी राममय होकर राम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर लोगो को मिलेगा। दर्शक दीर्घा में एक विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि दूर-दराज तक बैठे दर्शको को संतो के दर्शन सहजता से मिल सके।


देशभर से पहुंचेंगे साधु-संतों की टोली
इस बार कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिवस्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतिन्द्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल होंगे। संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है। जिसपर महात्माओं ने आने का आश्वान दिया है। धर्मगुरुओं के अलावा हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संतों की टोली राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचेगी।

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