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आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 : सेवा क्षेत्र और प्रतिव्यक्ति आय में कमजोर प्रदर्शन

डॉ. लखन चौधरी

छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में मजबूत आर्थिक विकास के आधार एवं संकेत दिख रहे हैं, लेकिन सरकार को सेवा क्षेत्र पर और फोकस करने की दरकार है। सेवा क्षेत्र में विकासदर बढ़ाने की आवश्यकता है, क्योंकि राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान केन्द्र के मुकाबले में 22 फीसदी कम है। इसी तरह राज्य में प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने के लिए काम करने की जरूरत है। यद्यपि सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए जोरदार काम किया है, लेकिन अब सरकार को लोगों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस करने की जरूरत है। इसकी वजह यह है कि 2022-23 में छत्तीसगढ़ में प्रतिव्यक्ति आय 1,33,898 रू. अनुमानित है, जबकि इस समय देश की प्रतिव्यक्ति आय 1,97,000 रू. है।

2022-23 के वित्तीय वर्ष में राज्य में 8 फीसदी विकासदर अनुमानित है। यह देश के राष्ट्रीय औसत से एक फीसदी अधिक है, लेकिन राज्य सरकार के ही पिछले साल यानि 2021-22 के 11.54 फीसदी मुकाबले 3.54 फीसदी कम है। 2021-22 में स्थिर भाव पर राज्य की सकल राज्य घरेलु उत्पाद यानि जीएसडीपी 2,67,681 करोड़ रू. थी जिसके 2022-23 में बढ़कर 2,89,082 करोड़ रू. हो जाने के अनुमान हैं। इस तरह 2022-23 में प्रचलित भाव पर राज्य की सकल राज्य घरेलु उत्पाद यानि जीएसडीपी बढ़कर 4,57,608 करोड़ रू. हो जाने का अनुमान है।

प्रचलित मूल्य पर राज्य की सकल राज्य घरेलु उत्पाद यानि जीएसडीपी में साल 2022-23 में 12.6 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है, जो पिछले साल 2021-21 के अनुमान 13.60 फीसदी से लगभग एक फीसदी कम है, जबकि कोरोना कालखण्ड की चुनौतियों से अर्थव्यवस्था बाहर निकल चुकी है। यह साफ और सपष्ट है कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था कोरोना कालखण्ड में भी अच्छी विकासदर के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रही है, लेकिन और काम करने की आवश्यकता है।

प्रदेश में 2022-23 में कृषि क्षेत्र की विकासदर 5.93 फीसदी अनुमानित है, जो कि पिछले साल 2021-22 की 3.88 फीसदी की तुलना में बेहतर है। इसी तरह उद्योग क्षेत्र की विकासदर 2022-23 में 7.83 फीसदी संभावित है, जो कि पिछले साल 2021-22 की 15.44 फीसदी तुलना में बहुत कम है। सेवा क्षेत्र की विकासदर 2022-23 में 9.29 फीसदी अनुमानित है, जो कि पिछले साल 2021-22 की 8.54 फीसदी की तुलना में ठीक है, मगर पर्याप्त नहीं है।

राज्य एवं देश की अर्थव्यवस्थाओं में विभिन्न क्षेत्रों का तुलनात्मक योगदान इस प्रकार अनुमानित है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 17 फीसदी अनुमानित है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का योगदान 15 फीसदी है, यानि 2 फीसदी अधिक है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में उद्योग क्षेत्र का योगदान 50 फीसदी अनुमानित है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था में उद्योग क्षेत्र का योगदान मात्र 30 फीसदी है, यानि 15 फीसदी अधिक है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 33 फीसदी अनुमानित है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का योगदान 55 फीसदी है, यहां पर राज्य की स्थिति कमजोर है यानि सेवा क्षेत्र में 22 फीसदी की कमी है। इस पर सरकार को बहुत काम करने की जरूरत है।

योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सदन में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण के ब्यौरे के अनुसार 2022-23 के साल में प्रतिव्यक्ति आय 1,33,898 रू. अनुमानित है, जो कि पिछले साल 2021-22 के अनुमान 1,18,401 की तुलना में 15,497 रू. अधिक है। 2022-23 के साल में प्रतिव्यक्ति आय में 10.93 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। यह 2021-22 में 11.93 यानि 12 फीसदी अनुमानित थी। यानि प्रतिव्यक्ति आय के मामले में भी सरकार को और काम करने की जरूरत है।

2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार सरकार की आर्थिक सेहत भले ही भारत सरकार के औसत की तुलना में बेहतर है, लेकिन स्वयं छत्तीसगढ़ सरकार के पिछले साल 2021-22 की तुलना में कमजोर प्रदर्शन की ओर इशारा करता है। कृषि विकासदर राष्ट्रीय औसत 3.45 फीसदी की तुलना में 5.93 फीसदी बेहतर है। उद्योग में विकासदर राष्ट्रीय औसत 4.11 फीसदी की तुलना में 7.83 फीसदी बहुत बेहतर, यानि लगभग दोगुनी है। लेकिन सेवा क्षेत्र में विकासदर राष्ट्रीय औसत 9.14 फीसदी की तुलना में 9.21 फीसदी लगभग बराबर है।

2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण एवं 2023-24 के केन्द्रीय बजट के अनुसार इस समय देश की प्रतिव्यक्ति आय 1,97,000 रू. है, जबकि छत्तीसगढ़ में प्रतिव्यक्ति आय 2022-23 में मात्र 1,33,898 रू. अनुमानित है। सरकार को इस दिशा में ध्यान देकर काम करने की जरूरत है, कि आखिरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की इतनी मजबूती के बावजूद आमदनी के मामले में राज्य क्यों पिछड़ रहा है। हालांकि 2022-23 में राज्य में प्रतिव्यक्ति आय में 10.93 की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह बढ़ोतरी भी राष्ट्रीय औसत बढ़ोतरी 13.7 फीसदी की तुलना में लगभग 3 फीसदी कम है। यद्यपि छत्तीसगढ़ के लोगों की औसत आमदनी या कमाई पिछले साल 2021-22 की तुलना में 15,497 रू. बढ़ गई है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार मौजूदा वर्ष के लिए सरकार की राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 89,073 करोड़ है, जबकि इस वर्ष में राजस्व व्यय 88,372 करोड़ अनुमानित है। इस तरह से मौजूदा वर्ष के लिए 701 करोड़ का राजस्व अधिक्य यानि लाभ का बजट पेश होने की उम्मीद है, जो आमजन के लिए उक सुखद संदेश हो सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस साल आम आदमी के लिए कोई नया कर नहीं होगा। निष्कर्ष यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार को सेवा क्षेत्र के विकास के लिए काम करने के साथ प्रतिव्यक्ति आमदनी बढ़ाने पर फोकस करना होगा, तभी समावेशी विकास की संकल्पना साकार हो सकेगी।

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